आप सभी ने यह कहानी सुनी होगी। भगवान शंकर ने गुस्से में भगवान गणेश का सिर काट दिया और जब गणेश का सिर नहीं मिला तो गजराज का सिर काटकर गणेश पर चढ़ा दिया। किसी को नहीं पता था कि गणेश जी का कटा हुआ सिर आखिर धरती पर कहां गिरा और कहां चला गया।
आज हम आपको भगवान गणेश के कटे हुए सिर के बारे में बताएंगे, जो खोजने पर शिव के दूतों को नहीं मिला और जब वह सिर नहीं मिला तो शंकरजी ने भगवान गणेश को एक गज का सिर जोड़ दिया।
तो आइए जानें कहां है पाताल भुवनेश्वर की वह गुफा जहां मिला था गणेश जी का कटा हुआ सिर!
पाताल भुवनेश्वर गुफा उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है।
गुफा एक बहुत बड़े पहाड़ के अंदर 90 फीट अंदर स्थित है।
इस गुफा की विशेषता यह है कि इस गुफा में कुछ अद्भुत और प्रतीकात्मक वस्तुएँ पाई जाती हैं।
इस गुफा की खोज आदि शंकराचार्य ने की थी।
इस गुफा के चार पत्थर चार युगों के प्रतीक हैं। जिनमें से एक को कलियुग का प्रतीक बताया गया है।
इस पत्थर की खासियत यह है कि यह धीरे-धीरे दिन-ब-दिन ऊपर की ओर बढ़ रहा है। इसलिए कहा जाता है कि जिस दिन यह पत्थर ऊपर की दीवार से टकराएगा उस दिन कलियुग का पूर्ण रूप से अंत हो जाएगा।
यह पाताल भुवनेश्वर गुफा रहस्यों और चमत्कारों से भरी है। यहाँ गणेश का कटा हुआ सिर एक मूर्ति के रूप में विराजमान है, जिसे भगवान गणेश का कटा हुआ सिर कहा जाता है, जो पृथ्वी पर खो गया है। 108 पंखुड़ियों वाला ब्रह्म कमल गणेश के सिर के ऊपर रखा गया है।
इस ब्रह्म कमल से पानी की एक बूंद गणेश के कटे सिर पर टपकती देखी जा सकती है। कहा जाता है कि इस ब्रह्म कमल की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी।
इसके अलावा इस गुफा में बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ की मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं। यानी इस जगह पर एक साथ इन तीनों जगहों की सैर की जा सकती है।
बद्री पंचायत में लक्ष्मी-गणेश, यम-कुबेर, और वरुण-गरुड़ की मूर्तियाँ यहाँ स्थित हैं, साथ ही गुफा की चट्टान पर शेषनाग और तक्षक नाग के प्रतीक देखे जा सकते हैं। अमरनाथ में एक गुफा भी है, जिसके पत्थरों पर जटा फैली और बिखरी पड़ी है। इस गुफा के पास कालभैरव की जीभ भी देखी जा सकती है।
इस कालभैरव जिहा के बारे में कहा जाता है कि यदि कोई इसके मुंह से गर्भ में प्रवेश करता है और पूंछ के पास पहुंचता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।पाताल भुवनेश्वर की यह शानदार गुफा आज हिंदू आस्था का प्रतीक है। पाताल भुवनेश्वर की यह गुफा श्रद्धालुओं का केंद्र बिंदु है। आप भी एक बार इस दिव्य गुफा के दर्शन जरूर करें।