
लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। शोध के अनुसार आज भारत में लगभग 7.7 करोड़ लोग मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं। इन लोगों में 12.1 मिलियन 65 वर्ष से कम आयु के हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन स्वस्थ आहार और स्वस्थ आहार से आप इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। मधुमेह रोगियों से अक्सर पूछा जाता है कि क्या वे सफेद ब्रेड का सेवन कर सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या डायबिटीज के मरीज व्हाइट ब्रेड खा सकते हैं…
क्या मधुमेह रोगियों को सफेद ब्रेड खानी चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह के रोगियों को शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार ही खाना चाहिए। सफेद ब्रेड का सेवन इन लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि सफेद ब्रेड में रिफाइंड कार्बोहायड्रेट काफी मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में फैट और शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
आइए हम आपको बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को सफेद ब्रेड खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ेगा
सफेद ब्रेड के सेवन से मधुमेह रोगियों में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि इसमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो मरीजों के लिए खतरा बढ़ा सकते हैं। शोध से यह भी पता चला है कि सफेद ब्रेड का सेवन करने से मधुमेह रोगियों में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है
सफेद ब्रेड बनाने के लिए मैदा का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे इसे पचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में मैदा का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। सफेद ब्रेड खाने से कब्ज, पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ब्लड शुगर बढ़ेगा
सफेद ब्रेड को तैयार करने के लिए कई तरह की प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में प्रक्रिया की वजह से यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर बढ़ने से डायबिटीज के मरीजों को कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वजन बढ़ सकता है
सफेद ब्रेड में अन्य ब्रेड की तुलना में अधिक कैलोरी होती है। कैलोरी की मात्रा अधिक होने के कारण सफेद ब्रेड खाने से वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा अगर डायबिटीज के मरीज का वजन बढ़ जाए तो शुगर लेवल को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में डायबिटीज में वजन बढ़ने से हृदय रोग और हार्ट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।