इलायची अत्यंत सुगन्धित होने के कारण मुंह की बदबू को दूर करने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। इसको पान में रखकर खाते हैं। सुगन्ध के लिए इसे शर्बतों और मिठाइयों में मिलाते हैं। मसालों तथा औषधियों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इलायची दो प्रकार की होती है। छोटी और बड़ी। छोटी इलायची मालाबार और गुजरात में अधिक पैदा होती है, और बड़ी इलायची उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल के पहाड़ी क्षेत्रों तथा नेपाल में उत्पन्न होती है। दोनों प्रकार की इलायची के गुण समान होते हैं। छोटी इलायची अधिक सुगन्ध वाली होती है।
क्या कहना है एक्सपर्ट का – उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एमडी-आयुर्वेद डॉ नवीन जोशी के मुताबिक, इलायची एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और पोटेशियम के गुणों से भरपूर होती है। यह सभी तत्व आपके बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसका सेवन आमतौर पर मसाले के रूप में किया जाता है। लेकिन रोजाना बड़ी इलायची खाने से आप हमेशा हेल्दी रह सकते हैं। यही नहीं बड़ी इलायची ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाने का काम करती हैं। अगर हम रात में एक बड़ी इलायची खाकर गर्म पानी पी लेते हैं तो कई फायदे मिलते हैं।
इलायची से होने वाले 5 फायदे:
- बड़ी इलायची में दो तरह के एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। इनमें भी एंटी कैंसर-एंटी ऑक्सीडेंट्स सबसे खास होते हैं। यह ब्रेस्ट, कोलोन और ओवेरियन कैंसर को रोकती है।
- बड़ी इलायची पेनकिलर की तरह काम करती है। सिर दर्द में भी फायदेमंद होती है। इससे तैयार किए जाने वाले सुगंधित तेल का इस्तेमाल भी तनाव और थकान दूर करने के लिए किया जाता है। टेंशन होने पर रात को एक बड़ी इलायची खाकर सो जाएं। सुबह आपको अच्छा फील होगा।
- बड़ी इलायची में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के इंफेक्शन को होने से रोकते हैं।
- इसमें एंटीबैक्टीरियल और एन्टी माइक्रोबियल क्वालिटी भी होती हैं।अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो बड़ी इलायची चबाना अच्छा उपाय है। इसके अलावा मुंह के घावों को ठीक करने के लिए भी बड़ी इलायची का यूज किया जाता है।
- एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज के कारण यह फेफड़ों की समस्याओं जैसे अस्थमा और खांसी में बेहद लाभकारी है।
घबराहट व जी मिचलाना : इलायची के दानों को पीसकर खाने से या शहद में मिलाकर चाटने से घबराहट व जी मिचलाना दूर हो जाता है।
ज्वर और जीर्ण ज्वर : इलायची के दाने, बेलफल, साठी, दूध और पानी को एक साथ उबाल लें तथा दूध के शेष रहने रहने पर इसे उतारकर पी लेते हैं। इससे सभी प्रकार के बुखार और पुराने बुखार ठीक हो जाते हैं।
पित्ताशय की पथरी : लगभग आधा ग्राम बड़ी इलायची को खरबूजे के बीज के साथ पीसकर खाने से पथरी के रोग में फायदा होता है।