‘लाइट नहीं जलेगी, दिया नहीं जलेगा’, हिंदुओं की दिवाली के मौके पर की सजावट से भड़के मुसलमान;

‘लाइट नहीं जलेगी, दिया नहीं जलेगा’, हिंदुओं की दिवाली के मौके पर की सजावट से भड़के मुसलमान;

Mumbai News: नवी मुंबई के तलोजा सेक्टर 9 में पंचानंद सोसाइटी में दिवाली की सजावट को लेकर शुरू हुआ विवाद सांप्रदायिक तनाव में तब्दील होता दिखा. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह दो समुदायों के बीच गरमागरमी बढ़ गई, जिसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ निवासियों ने सोसाइटी में दिवाली की सजावट और दीयों की रौशनी पर आपत्ति जताई. 

वीडियो में एक व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है, “लाइट नहीं जलेगी, दिया नहीं जलेगा,” जिससे तनाव और बढ़ गया. वीडियो में दोनों समुदायों के सदस्यों द्वारा आपसी आरोप-प्रत्यारोप और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल भी देखा गया.

वायरल हो रहा वीडियो 

हिंदू और मुसलमानों के बीच हुई बहस का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो को तेजी से सोशल मीडिया पर शेयर भी किया जा रहा है. इस घटना ने सोसाइटी में नियमों की एकरूपता और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर नई बहस छेड़ दी है. सोशल मीडिया पर भी यह मामला तेजी से फैल गया है, जहां कई लोगों ने इस प्रकार के धार्मिक विवादों पर चिंता व्यक्त की है.

फिलहाल, सोसाइटी के लोग इस विवाद को हल करने के लिए आपसी समझ बढ़ाने और ऐसे तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं जिससे सभी धार्मिक आयोजनों का सम्मान बरकरार रहे और किसी के विश्वास पर आंच न आए. अब तक किसी भी पक्ष द्वारा कानूनी कार्रवाई की सूचना नहीं दी गई है, लेकिन दोनों समुदायों द्वारा सोसाइटी के पूर्व निर्णय को लागू करने की अपील की जा रही है.

इस तरह शुरू हुआ था विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विवाद की जड़ जून 2024 में हुए एक घटनाक्रम में है, जब सोसाइटी में बकरीद के मौके पर कुछ हिंदू निवासियों ने मुस्लिम निवासियों द्वारा बकरों को सोसाइटी के अंदर लाने और कुर्बानी देने का विरोध किया था. उस समय, सोसाइटी की एक बैठक में निर्णय लिया गया था कि भविष्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए कोई भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन आम क्षेत्रों में नहीं किया जाएगा.

अब दिवाली के मौके पर, मुस्लिम निवासियों ने उसी निर्णय का हवाला देकर सजावट और लाइटिंग पर आपत्ति जताई. उनका कहना है कि इस निर्णय का पालन दिवाली पर भी होना चाहिए, ताकि सबके लिए समान नियम बनाए जा सकें और समाज में आपसी सहिष्णुता बनी रहे.

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