सुहागरात के दिन से ही बेटा-बहू लगातार कर रहे थे गंदा काम, परेशान मां ने ली दोनों की जान

The son and daughter-in-law were constantly doing dirty things since the day of their wedding night, the distressed mother killed both of them
The son and daughter-in-law were constantly doing dirty things since the day of their wedding night, the distressed mother killed both of them

आगरा। आगरा के रहने वाले पति-पत्नी की करौली (राजस्थान) के मासलपुर में कार में ही हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। दोनों की कुछ महीने पहले ही शादी हुई थी। मां ने ही बेटे व बहू की हत्या कराई है। ऐसा नहीं है कि मां ने शादी के कारण हत्या कराई। शादी खुद मां ने ही बहू पसंद करके कराई थी। बेटे-बहू की हत्या के पीछे कारण और भी चौंकाने वाला है। मां के अनुसार बेटे और बहू दोनों का बाहर किसी युवक और युवती से अवैध संबंध था। दोनों को समझाने की कोशिश की लेकिन नहीं मान रहे थे। गांव में पता चलता तो बदनामी होती, इसलिए दोनों की हत्या की साजिश रच दी। मां ने बेटे-बहू की हत्या के लिए अपने भाई को जिम्मेदारी दी थी। उसने अपने चालक के साथ मिलकर सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।

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क्या है पूरा मामला
30 अक्तूबर की सुबह मासलपुर के पास खून से लथपथ युवक-युवती के शव मिले थे। उनकी पहचान गांव सांथा निवासी विकास सिसौदिया और उसकी पत्नी दीक्षा के रूप में हुई थी। दस माह पहले ही दोनों की शादी हुई थी। दोनों देवी दर्शन के लिए कैला देवी राजस्थान गए थे। कार मामा की थी। विकास की ननिहाल सैपऊ (धौलपुर) के गांव ईंटकी में है। परिजनों ने पुलिस को बताया था कि विकास मंगलवार की दोपहर घर से पत्नी के साथ निकला था।

करौली पुलिस वारदात के खुलासे में जुट गई। 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। कार में विकास का शव ड्राइविंग सीट पर व उसकी पत्नी का शव पिछली सीट पर मिला था।

कार में 7.65 बोर के तीन खाली खोले, एक .315 बोर का खोखा और कार के बाहर 7.65 बोर का एक कारतूस मिला था। कार में कैलादेवी भवन का प्रसाद भी था। जिसे देखकर साफ हुआ कि दोनों मंदिर गए थे। सीसीटीवी कैमरे में पति-पत्नी के साथ एक और युवक था। उसकी पहचान गांव ईंटकी (धौलपुर) निवासी चमन खान के रूप में हुई। करौली पुलिस ने उसे उठा लिया।

परिजनों ने पुलिस को बताया कि चमन खान तीन-चार दिन से उनके घर ही रह रहा था। विकास को कार चलाना सिखा रहा था। कार विकास के मामा रामवरन (ईंटकी, धौलपुर) की है। चमन खान से पूछताछ हुई। शुरू में उसने पुलिस को गुमराह किया। बाद में बताया कि उसने और विकास के मामा रामबरन ने मिलकर हत्या की थी।

मामा को पकड़ा तो खुला मां का नाम
करौली पुलिस ने विकास सिसौदिया के मामा रामबरन को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ हुई तो शुरू में उसने खुद को निर्दोष बताया। पुलिस ने उसकी लोकेशन 29 अक्तूबर की रात भोजपुर के पास होने की बात बोली। उससे कहा कि वह सीसीटीवी में आ गया है। सख्ती पर रामबरन टूट गया। उसने कहा कि हां उसने ही भांजे और उसकी पत्नी को गोलियां मारी थीं। बहन ललिता उर्फ लालो (विकास की मां) ने ऐसा करने के लिए कहा था।

करौली पुलिस ने अछनेरा के गांव सांथा में दबिश देकर विकास की मां को पकड़ा। मां के पकड़े जाते ही गांव में खलबली मच गई। पता चला कि मां ने ही बेटा और बहू को मरवा दिया है। यह बात एकाएक लोगों के गले नहीं उतरी। वजह पता चली तो होश उड़ गए।

बेटे-बहू दोनों का बाहर था अवैध संबंध
पुलिस ने मां ललिता उर्फ लालो से पूछा कि उसने सगे बेटे और बहू की हत्या के लिए साजिश क्यों रची। मां को कोई पछतावा नहीं था। परेशान सिर्फ इस बात से थी कि बेनकाब हो गई। मां ने पुलिस को बताया कि दस माह पहले धूमधाम से बेटे की शादी की थी। बेटे का एक लड़की से अफेयर था। उसके प्यार में पागल रहता था। सोचा था कि बहू आएगी तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। शादी के बाद भी उस लड़की से अवैध संबंध रुक नहीं। इधर बहू तो बेटे से भी एक कदम आगे निकली। उसका भी एक युवक से अफेयर और संबंध चल रहा था। यह बात पता चली तो दोनों को समझाया।

इसके बाद भी दोनों कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। यह बात गांव में पता चल जाती तो वे कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहते। बिरादरी में उनकी नाक कट जाती। लोग उन पर हंसते। उनके घर कोई रिश्ता लेकर नहीं आते। वह तो महीनों से घुट-घुटकर जी रही थी।

पहले एक्सीडेंट में मारने की थी योजना
चमन खान ने बताया कि पहले योजना गाड़ी सिखाने के दौरान विकास और दीक्षा को एक्सीडेंट में मारने की योजना थी। बात नहीं बन पाई। उसके बाद सोचा कि दोनों को पानी में डुबाकर मार देंगे। दोनों पानी वाली जगह जाने को ही तैयार नहीं हुए। कोई योजना सफल नहीं होने पर मामा रामबरन ने कहा कि दोनों को कैलादेवी लेकर आए। रास्ते में मार देंगे।

रामबरन ने पहले से एक पिस्टल खरीद रखी थी। योजना के तहत चमन खान 29 अक्तूबर की रात कैलादेवी से चला। रात करीब पौने 12 बजे मासलपुर के पास आया। उसने बहाने से विकास को ड्राइविंग सीट पर बैठा दिया। खुद बराबर वाली सीट पर बैठ गया। दीक्षा पीछे वाली सीट पर चली गई। रास्ते में मामा रामबरन मिला। ईको से पहुंचा था। बहाने से चमन खान गाड़ी से उतर आया। दोनों ने मिलकर गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी।

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