वर्मी कम्पोस्ट एक जैविक खाद है जिसका इस्तेमाल का किसान अपनी मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और उत्पादन बढ़ाते हैं। वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए केंचुआ का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसे केंचुआ खाद भी कहते हैं। वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल अगर किसान में अपने खेतों में करते हैं तो उन्हें कई तरह के फायदे होते है। खरपतवार की समस्या भी कम होती है। इस समय देश में वर्मी कम्पोस्ट का व्यवसाय काफी तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है।
ऐसी महिला की कहानी बताते जिनका नाम पूजा यादव
चलिए अब ऐसी महिला की कहानी बताते जिनका नाम पूजा यादव जो कि मध्य इंदौर मध्य प्रदेश में रहती है और यह सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर चुकी है। 6 साल की नौकरी छोड़कर पिछले 5 वर्षों से वर्मी कंपोस्ट का व्यवसाय कर रही है और करोड़ों रुपए कमा रही है। चलिए जानते हैं उनका व्यवसाय कैसे चल रहा है और कंपोस्ट का यह व्यवसाय उनका अच्छे से चल रहा है क्योंकि उन्हें 5 साल का तजुर्बा हो गया है।
केंचुआ का व्यवसाय करके भी कितनाकमाती है
आपको बता दे उनके पास इस समय करीब डेढ़ सौ वर्मी को कंपोस्ट के बेड है जिसमें एक साल में लगभग 400 टन का प्रोडक्शन प्राप्त होता है। 2 से 3 महीने के अंतराल में वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार हो जाती है और फिर वह उसकी बिक्री कर देती है। खाद के साथ-साथ में केंचुआ का व्यवसाय करके भी कितनाकमाती है।
28 लाख रुपए की कमाई करती है
वर्मी कंपोस्ट का व्यवसाय करने वाली खाद साथ केंचुआ भी बेचती हैक्योंकि केंचुआ की भी वृद्धि होती जाती है। जिसे वह बेचकर पैसे भी कमा लेते हैं। इसी तरह यह महिला वर्मीकोस्ट बेचने के साथ ही साथ केचुआ भी बेचती है। जिससे अन्य किसान भी वर्मीकोस्ट खाद बना सकते है जिसमें वर्मी कंपोस्ट से करीब 28 लाख रुपए की कमाई करती है। इसके अलावा बाकी का पैसा वह केंचुआ बेचकर कमाती है।