भोपाल, 11 सितम्बर (हि.स.) । जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि प्रदेश में इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते लगभग सभी बांध लबालब हैं। इससे सिंचाई, पेयजल एवं विद्युत उत्पादन के लिये आगामी समय में प्रदेश को पर्याप्त जल उपलब्ध होता रहेगा। प्रदेश के प्रमुख बांधों में आज की स्थिति में जलभराव की स्थिति 87 प्रतिशत से अधिक है। रिजरवायर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में चिन्हित 282 प्रमुख बांधों में 199 बांधों में आज की स्थिति में जल भराव 90 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश के सभी प्रमुख बेसिन में बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी वर्षा के पूर्वानुमान, पानी की आवक और बांधों के गर्वनिंग लेविल के दृष्टिगत बांध के गेटों का संचालन किया जा रहा है, जिससे कहीं कोई बाढ़ की स्थिति निर्मित न हो। बांधों के खुलने और बंद होने की कार्ययोजना तैयार कर सूचना नियमित रूप से क्षेत्रीय जनता को दी जा रही है।
जनसंपर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मानसून 2024 में मध्यप्रदेश में आज दिनांक तक 929.6 मि.मी. वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है, जो प्रदेश की औसत वर्षा से 9 प्रतिशत अधिक है। राज्य के पूर्वी हिस्से में औसत से 4 प्रतिशत अधिक एवं पश्चिमी हिस्से में औसत से 13 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में अच्छे मानसून से राज्य के प्रमुख बांधो में जल भराव की स्थिति बहुत अच्छी है। विगत वर्ष आज की स्थिति में मध्यप्रदेश में वास्तविक वर्षा 738.9 मि.मी. दर्ज हुई थी, जो कि औसत वर्षा से 14 प्रतिशत कम थी। पूर्वी मध्यप्रदेश में 11 प्रतिशत कम और पश्चिमी मध्यप्रदेश में 16 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई थी। विगत वर्ष में आज दिनांक की स्थिति में प्रदेश के प्रमुख बांधो में लगभग 67.83 प्रतिशत औसत जलभराव था, जबकि चालू वर्षाकाल में अच्छे मानसून से प्रदेश के प्रमुख बांधो में जलभराव की स्थिति लगभग 90 प्रतिशत है।
नर्मदा बेसिन अंतर्गत प्रमुख बांधों में लगभग सभी अपने पूर्ण भराव की स्थिति में है, जबलपुर जिले में स्थित बरगी बांध 101.52 प्रतिशत, रायसेन जिले में बारना 94.34 प्रतिशत, नर्मदापुरम में तवा बांध 97.50 प्रतिशत, सीहोर में कोलार बांध 99.33 प्रतिशत, खंडवा में इंदिरा सागर बांध 93.25 प्रतिशत एवं ओंकारेश्वर बांध 59 प्रतिशत जलभराव की स्थिति में है। इस प्रकार नर्मदा बेसिन में अच्छी मानसून गतिविधियों से प्रदेश में बेसिन अंतर्गत प्रमुख बांधों में पर्याप्त जल भंडारण संभव हो पाया है।
वैनगंगा बेसिन अंतर्गत प्रदेश के प्रमुख बांधो में पेंच छिंदवाड़ा 96.91 प्रतिशत, संजय सरोवर सिवनी 97.97 प्रतिशत एवं बालाघाट स्थित राजीव सागर 97.23 प्रतिशत जल भराव में है। बेसिन में औसत से अधिक वर्षा होने से सभी वृहद एवं मध्यम बांध शत-प्रतिशत भराव के निकट है। प्रदेश के गंगा बेसिन अंतर्गत निर्मित बड़ी परियोजनाओं में शहडोल स्थित बाणसागर 94.55 प्रतिशत एवं महान जिला सीधी 90.66 प्रतिशत जलभराव को प्राप्त कर चुके हैं। माही एवं ताप्ती बेसिन में निर्मित प्रमुख बांध यथा पारसडोह 97.11 प्रतिशत माही मैन और माही सब्सीडरी बांध कमशः 90.66 प्रतिशत, 97.97 प्रतिशत जल भराव को प्राप्त कर चुके हैं।
बेतवा बेसिन में निर्मित सभी प्रमुख वृहद बांध अपने पूर्ण भराव की स्थिति में है। इस बेसिन अंतर्गत भोपाल जिले में स्थित केरवा एवं कलियासोत बांध में 98.44 प्रतिशत जल भराव हो जाने के उपरांत इनके गेट से अगस्त माह में निकासी की गई है। इसी तरह इस बेसिन अंतर्गत अन्य प्रमुख बांधों यथा सम्राट अशोक सागर हलाली 98.68 प्रतिशत, संजय सागर बांध 99.74 प्रतिशत, राजघाट 84.09 प्रतिशत में भी पर्याप्त जल भंडारण हो गया है।
चंबल बेसिन के प्रमुख वृहद बांध पूर्ण भराव की स्थिति के निकट पहुँच रहे हैं। गांधी सागर बांध 87.78 प्रतिशत, मोहनपुरा 93.45 प्रतिशत, कुण्डलिया 92.67 प्रतिशत एवं शेष अन्य में भी पर्याप्त जल भंडारण हो गया है। प्रदेश के शेष बेसिन जैसे सिंध, केन, धसान में भी बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में अच्छी वर्षा से जल की अच्छी आवक हुई है। ग्वालियर चंबल संभाग में सिंध बेसिन पर स्थित आवदा बांध 100 प्रतिशत, हरसी 102 प्रतिशत, अपर काकेटो 87 प्रतिशत, काकेटो 101 प्रतिशत, मड़ीखेड़ा 95 प्रतिशत, मोहिनी पिक अप वेयर 97.69 प्रतिशत भराव की स्थिति में है। धसान बेसिन में बाणसुजारा बांध 96.27 प्रतिशत एवं पन्ना में पवई 62.38 प्रतिशत जलभराव में है।