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अनुपम खेर के पिता किसी को छूने नहीं देते थे अपना बक्सा, निधन के बाद बक्सा खोला तो उड़ गए होश.

अनुपम खेर के पिता किसी को छूने नहीं देते थे अपना बक्सा, निधन के बाद बक्सा खोला तो उड़ गए होश.
अनुपम खेर के पिता किसी को छूने नहीं देते थे अपना बक्सा, निधन के बाद बक्सा खोला तो उड़ गए होश.

अनुपम खेर, भारतीय फिल्म उद्योग के एक प्रतिष्ठित अभिनेता, ने हाल ही में अपने पिता पुष्कर नाथ खेर के बारे में एक दिलचस्प रहस्य साझा किया। उनके पिता के पास एक ऐसा बक्सा था जिसे वे किसी को छूने नहीं देते थे।

यह बक्सा उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, और जब उनकी मृत्यु के बाद यह बक्सा खोला गया, तो उसमें से कई चौंकाने वाले राज सामने आए।

पिता का बक्सा: एक रहस्य

अनुपम खेर ने अपने पिता के इस बक्से के बारे में बताया कि यह उनके जीवन की कई यादों और भावनाओं का प्रतीक था। उनके पिता, जो एक साधारण जीवन जीते थे, ने इस बक्से में अपने जीवन की महत्वपूर्ण चीजें रखी थीं। अनुपम ने बताया कि उनके पिता हमेशा इस बक्से को बेहद गोपनीय रखते थे और किसी को भी इसे छूने की अनुमति नहीं देते थे।

जब पुष्कर नाथ खेर का निधन हुआ, तब परिवार ने इस बक्से को खोलने का निर्णय लिया। इस बक्से में कई पुरानी तस्वीरें, पत्र और कुछ व्यक्तिगत वस्तुएं थीं जो उनके पिता के जीवन की कहानी बयान करती थीं। अनुपम ने कहा कि जब उन्होंने बक्सा खोला, तो उन्हें अपने पिता के बारे में कई नई बातें पता चलीं, जो उन्हें पहले नहीं मालूम थीं।

भावनात्मक जुड़ाव

अनुपम खेर ने अपने पिता के साथ बिताए समय को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ने हमेशा उन्हें सिखाया कि जीवन में सादगी और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने पिता की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने की कोशिश की है। जब उन्होंने बक्सा खोला, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके पिता की सोच और उनकी इच्छाएं कितनी गहरी थीं।

इस बक्से में एक पत्र भी मिला जिसमें उनके पिता ने अपने सपनों और आकांक्षाओं के बारे में लिखा था। अनुपम ने बताया कि यह पत्र पढ़कर उन्हें अपने पिता के संघर्षों और उनकी इच्छाओं का पता चला, जो उन्हें प्रेरित करता है।

समाज पर प्रभाव

अनुपम खेर का मानना है कि इस तरह के व्यक्तिगत अनुभव समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के पास अपनी कहानी होती है, और हमें उन कहानियों को समझने और साझा करने की आवश्यकता है। यह न केवल हमें एक-दूसरे के करीब लाता है बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि हम सभी की जड़ों में क्या है।

अनुपम खेर ने अपने पिता के इस रहस्यमय बक्से के माध्यम से हमें यह सिखाया है कि परिवार और व्यक्तिगत संबंध कितने महत्वपूर्ण होते हैं। जब हम अपने प्रियजनों को खोते हैं, तो उनकी यादों और शिक्षाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस अनुभव ने अनुपम को न केवल अपने पिता के प्रति सम्मानित किया बल्कि उन्हें जीवन की गहराइयों को समझने का एक नया दृष्टिकोण भी दिया।

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