अमेरिका में राहुल की टीम का पत्रकार से दुर्व्यवहार, मोदी ने कहा ‘आपके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता’

अमेरिका में राहुल की टीम का पत्रकार से दुर्व्यवहार, मोदी ने कहा ‘आपके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता’

नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एक राजनीतिक कार्यक्रम में अमेरिका में भारतीय पत्रकार के साथ राहुल गांधी की टीम के कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि ‘क्या भारतीय पत्रकार की पिटाई करके भारत की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हो।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में चुनावी सभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा कि संविधान की बात करने वाले नफरत की दुकान पर मोहब्बत का बोर्ड लगाकर बैठे हैं। आज उन्होंने अखबार में पढ़ा की कि कैसे अमेरिका में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जुल्म किया गया। उस पत्रकार ने अपनी कहानी को सबके सामने रखा। हिन्दुस्तान के बेटे, संविधान के रक्षक पत्रकार के साथ मारपीट की गई। इससे क्या देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी?

उल्लेखनीय है कि इंडिया टुडे से जुड़े एक पत्रकार रोहित शर्मा ने अपने साथ अमेरिका के टेक्सास में हुए दुर्व्यवहार ब्यौरा प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के अमेरिका आने से पूर्व उन्होंने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का साक्षात्कार लिया। 7 सितंबर काे साक्षात्कार के अंत में उन्होंने पूछ लिया कि क्या राहुल गांधी बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद हिन्दुओं पर हुए हमलों का मुद्दा उठायेंगे। इसके बाद साक्षात्कार के दौरान वहां मौजूद राहुल के समर्थकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

पत्रकार ने लिखा कि सैम पित्रोदा इस दौरान राहुल को लेने एयरपोर्ट चले गए। उनके जाने के बाद वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने उनका मोबाइल फोन छीन लिया। साक्षात्कार का वीडियो उससे डिलीट कर दिया। उन्होंने 30 मिनट तक उन्हें बिठाये रखा। उन पर आरोप लगाया कि उनका प्रश्न विवादित है।

रोहित ने कहा, “विडंबना यह है कि जब राहुल गांधी ने बाद में अमेरिकी प्रेस के सदस्यों से बात की कि भारत की वर्तमान सरकार के तहत पत्रकारिता की स्वतंत्रता कैसे कम हो गई है, तो उनकी टीम मुझे चुप कराने में व्यस्त थी। उन्होंने हर अमेरिकी यात्रा में इस बात को दोहराया है, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रेस की स्वतंत्रता को वह जो महत्व देते हैं, वह उनके अपने खेमे तक नहीं है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *