मां और बच्चे का रिश्ता बड़ा ही प्यारा और सबसे अलग होता है। कितना भी बुरा इंसान हो या कोई भी जानवर हो, अपनी मां से सभी प्यार करते हैं। कहने का मतलब यह है कि इस धरती पर जितने भी जीव जंतु है, वे सभी अपनी मां से बहुत प्रेम करते हैं लेकिन बिच्छू एक ऐसी प्रजाति है जो जन्म लेते ही अपनी मां को ही खा जाते हैं।
अब आपके मन में बिच्छू को लेकर कई सवाल चल रहे हैं जिसमे यह भी हो सकता है कि बिच्छू ऐसा करता क्यों है? इस धरती पर बिच्छू की कई प्रजातियां है जिसमे से कुछ के बारे में शायद आपको भी मालूम होगा। इसके अलावा बिच्छू में जहर भी पाया जाता है जिस वजह से लोग उससे दूरी बनाना ही बेहतर समझते हैं तो चलिए अब हम सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर बिच्छू अपनी जन्म देने वाली मां को क्यों खा जाता है?
अपनी मां को क्यों खा जाता है बिच्छू
क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों और कैसे होता है? शायद नही, तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। बिच्छू एक खतरनाक जीव है, जो वैसे तो किसी को कुछ नहीं करता लेकिन इसमे इतना ज़हर होता है कि अगर ये किसी को कांट ले या डंक मार दे तो उसकी मौत हो सकती है। कई बार बिच्छू के डंक से निकले ज़हर से इंसान पेरालाइस भी हो जाता है।
वैसे तो ज्यादातर बिच्छू पत्थरों या ईंटो के नीचे ही रहते हैं और इनकी 2000 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है। इनका शरीर ऐसा होता है कि ये जमा देने वाली ठंड और जला देने वाली गर्मी को भी सहन कर सकते हैं। जब एक मादा बिच्छू अपने बच्चों को जन्म देती हैं तो वह एक साथ 100 बिछुओं को पैदा करती हैं।
जब वे अपने 100 बच्चों को जन्म देती हैं तो वह उन्हें अपनी पीठ पर बैठा कर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाती हैं और जब तक बच्चे बड़े नही हो जाते वह उन्हें अपनी पीठ पर ही बैठा कर रखती है। इस दौरान मादा बिच्छू के सारे बच्चे अपनी भूख मिटाने के लिए अपनी मां की पीठ को खा खाकर खोखला कर देते हैं।
बिच्छू के बच्चे उसे तब तक खाते रहते हैं जब तक कि बिच्छू के शरीर में जान रहती हैं। जब बिच्छू मर जाता है और उसका शरीर पूरी तरह से खत्म हो जाता है, तब सारे बच्चे नीचे उतरकर अपना जीवन अपने हिसाब से जीते हैं। यही वजह है कि जहां हर कोई जन्म लेते ही सबसे पहले अपनी मां को देखता है, बिच्छू अपनी मां को कभी नहीं देख पाते।