जानकार बताते हैं कि इस सांप में न्यूरोटॉक्सिन जहर पाया जाता है, जो खून में मिलते ही विक्टिम के तंत्रिका तंत्र को बुरी तरह से डैमेज करना शुरू कर देता है. सबसे डरावनी बात तो यह है कि करैत द्वारा डंसे जाने के बाद भी बेहद कम लोगों को ही इसका एहसास हो पाता है. मुख्य रूप से नींद में सो रहे लोगों को इसके द्वारा डंसे जाने की भनक तक नहीं लगती है और कुछ ही देर में खेल खत्म हो जाता है.
पिछले 22 वर्षों से वाइल्ड लाइफ पर काम कर रहे एक्सपर्ट स्वप्निल खताल लोकल 18 को बताते हैं कि करैत को लेकर लोगों में ढेरों भ्रांतियां फैली हैं. इनमें सबसे बड़ी भ्रांति ये है कि ये सोते हुए लोगों को बिस्तर में घुसकर डंसता है. हालांकि वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है.
बकौल स्वप्निल, दरअसल सांप कोल्ड ब्लडेड होते हैं, जिसकी वजह वो गर्म जगह पर अंधेरे में रहना पसंद करते हैं. ऐसे में यदि कोई सांप आपके घर में घुस आता है, तो वह रहने के लिए ऐसी जगह को ही चुनेगा, जहां वस्तुओं का ढ़ेर लगा हो और जगह अंधेरे से घिरा हो. जहां तक बात कॉमन करैत की है, तो यह पूरी तरह निशाचर होते हैं. चूहे, मेंढक और छिपकलियों की तलाश में घूमते हुए ये घरों में घुस जाते हैं.
अब समझने वाली बात यह है कि घरों में घुसने के बाद रात्रि में माहौल शांत होने की वजह से इन्हें घबराहट नहीं होती है, जिसकी वजह से आराम से रेंगते हुए ये बिस्तर तक चले जाते हैं. अब जैसे ही आपका स्पर्श इनसे होता है, तो ये खुद के बचाव के लिए तुरंत हमला कर देते हैं. डरावनी बात तो यह है कि जहां अन्य सांपों द्वारा डंसे जाने के बाद तेज दर्द महसूस होता है, वहीं बेहद छोटे और पतले दांत होने की वजह से करैत के डंसने पर दर्द का जरा भी एहसास नहीं होता है. ऐसे में लोग नींद में ही सोए रह जाते हैं और फिर उपचार न होने की वजह से जान चली जाती है. इसे भी जरूर पढ़ें –