दुनिया के मशहूरों धर्मों में से एक इस्लाम भी है। इसे अपनाने वालों की संख्या के मुताबिक यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस्लाम की पवित्र कुरान में कई आयतें और सूरतें होती हैं, जो दुनिया भर में अपनाई जाती हैं।
हर धर्म में कुछ न कुछ खाने पर पाबंदी है और इस्लाम धर्म मे सुअर का मांस खाने की मनाही है इस्लाम धर्म मे ऐसे किसी भी जानवर का सेवन करना वर्जित है जो हलाल या जिंबा न किया गया हो।
इसे केवल एक आपात स्तिथि में वैध माना जा सकता है, जब कोई व्यक्ति भुखमरी का शिकार हो। सुअर एक ऐसा प्राणी है जिसे पसीना नही आता जिसकी वजह से उसका शरीर ज्यादा विषैल हो जाता है और अपने आप को ठंडा करने के लिए ये जानवर कीचड़ में बैठा रहता है।
इस्लाम मे गंदगी को बहुत ज्यादा न पसंद किया गया है और ऐसी चीजो से भी दूर रहने का हुक्म दिया गया है जो गंदी हो। हम इस बात से अच्छे से वाकिफ है कि सुअर एक गंदा जानवर होता है इसलिए इसका मांस खाने की मनाही है।
मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान में सुअर का मास खान ‘हराम’ माना जात है। जिसे ज्यादातर लोग अंध विश्वास कहकर टाल देते है। लेकिन आपको बता दे कि पुराणों और ग्रंथ लिखने वाले लोग बहुत ज्ञानी थे और यहीं कारण है कि बिना वजह वो कोई बात नहीं लिखते थे।
सूअर का मास खाने के पीछे कुछ ऐसे कारण है, जिन्हे जानकर आप कभी सूअर का मास नहीं खाएंगे। तो चलिए हम आपको बताते है कि आखिर क्यों सूअर का मास खाने की मनाही है।
हम सब इस बात से अच्छे से वाकिफ है कि सूअर एक गंदा जानवर होता है। सूअर को अक्सर कीचड़ में बैठे देखा जा सकता है। आपको शायद पता हो कि सूअर अपना ज्यादातर खाना कीचड़ से ही खाता है, जिसमें वो मल और सड़ा हुआ खाना खाता है। सूअर एक ऐसा जानवर होता है जो अपने मल को भी खा लेता है। ऐसे मे सूअर के शरीर में काफी मात्रा में बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाता है। एक व्यस्क सूअर में इतनी मात्रा में जहर इकट्ठा हो जाता है कि उसपर सांप के जहर का असर भी होना बंद हो जाता है।
सूअर दूनिया का इकलौता ऐसा जानवर है, जिसे पसीना नहीं आता। सूअर के शरीर में स्वेट ग्लांड्स नही होता, इसलिए उसके शरीर से पसीना नहीं निकलता। जिसकी वजह से उसके शरीर में बनने वाली टॉक्सिन्स उसके मांस में इकट्ठा हो जाता है। सूअर के शरीर में कई तरह के बैक्टीरिया के साथ कीड़े भी पैदा होने लगते है। जिनमें से सबसे खतरनाक कीड़ा होता है टेपवार्म
अगर आप सूअर का मांस खाते है तो, आपके शरीर में ये कीड़ा प्रवेश कर जाता है। एक रिसर्च के दौरान पता चला है कि, टेपवार्म एक ऐसा कीड़ा है जिसके अंडे खून के द्वारा शरीर में कहीं भी जा सकते है। अगर ये अंडे गलती से भी दिमाग में चले गए तो ब्रेन डैमेज जैसी गंभीर बिमारियां हो सकती है। सूअर के मास को पचने में 3 से 4 घंटे लगते है। सूअर के मास में मौजूद टॉक्सिन्स आपके शरीर में कई तरह कि बिमारियों को जन्म देते है। जिसमें हार्ट अटैक सबसे महत्वपूर्ण है।
ये टॉक्सिन्स ब्लड प्रेसर को कम कर देते है, जिसकी वजह से लो बीपी जैसी बिमारियों का सामना करना पड़ता है। सूअर खाने वाले लोगों को लीवर से जुड़ी बिमारियां भी पाई जाती है। लगातार सूअर का मास खाने की वजह से दिल से जुड़ी कई बिमारियां जन्म ले लेती है। आपको ये भी बता कि, ना सिर्फ कुरान बल्कि बाइबल में भी सूअर का मांस खाने से मना किया गाया है।