आपमें से ज्यादातर लोगों ने ट्रैफिक सिग्नल के पास लगे कैमरों को तो जरूर देखा होगा, जो कि खास तौर पर रेड लाइट के पास होते हैं। लेकिन कुछ लोग इनके बारे में जानते होंगे और कुछ लोगों को इनके बारे में नही पता होगा कि ये कैमरा वहा पर क्यों लगाए जाते हैं और ये कैसे काम करते हैं और इनका क्या फायदा होता है?
तो आज हम अपने इस लेख में इसी से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। तो आप भी हमारे इस लेख को पूरा पढ़े ताकि अगर कभी कोई आपसे यह सवाल करें तो आप उसे जवाब दे सके। इसके अलावा आप भी सड़क पर वाहन चलाते समय सतर्क रह सके, अन्यथा आपके पास भी चालान पहुंच सकता है।
कैसे काम करता है ट्रैफिक कैमरा
यह तो आप सभी को पता ही होगा कि कोई भी गाड़ी, स्कूटर या बाइक चलाते समय हमें ट्रैफिक के नियमों का पालन करना चाहिए। इन नियमों का पालन करना कितना जरूरी होता है क्योंकि ये नियम हमारी सुरक्षा के लिए ही बने होते हैं।
तो हम आपको बता दें कि हाईवे पर ये कैमरे इसलिए लगाए जाते हैं ताकि बिना मैन पावर के भी 24 घंटे यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालो को रोका जा सकें। अब बात करते हैं कि ये कैसे काम करते हैं? तो बता दें कि ये ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे होते हैं और इनमें सेंसर भी लगे होते हैं।
ये हाई टेक सेंसर किसी भी यातायात उल्लंघन को ऑटोमैटिक पहचान सकते हैं। अगर आप किसी भी तरह का उल्लंघन करते हैं तो ये तस्वीर खींच कर कमांड कंट्रोल रूम में भेज देते हैं। ये गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन करके गाड़ी के मालिक को ऑटोमैटिक टेक्स्ट मैसेज के द्वारा चालान भेज देते हैं।
ये कोई नॉर्मल cctv कैमरे नही होते बल्कि AI यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कैमरे होते हैं। ये दुर्घटनाओ को कम करने के साथ साथ यातायात में जागरूकता भी पैदा करते हैं और अपराधों की जांच में भी इनकी अहम भूमिका होती हैं।