प्रेत बाधा बहुत से घरों में अचानक क्लेश होने लगता है माँ, अजीब हालत हो जाती है, लगातार कोई न कोई बीमार बना रहता है, सर भारी रहता है, कोई न कोई घटना होती रहती है. ऐसा लगता है कि किसी ने कुछ करवा दिया है जिसकी बजह से चलता व्यापार ठप हो गया है या घर में नुक़सान और बीमारी बनी रहती है.
आज हम आपको इसके लक्षण और निवारण के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. ऊपरी बाधा एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति पर उसका नियंत्रण नहीं रहता और वह बाधा के मुताबिक ही बोलने-करने लगता है. ऊपरी बाधा के कुछ लक्षण ये हैं,आइये जानते हैं इसके बारे में:
मन उदास रहना, मनोस्थिति असामान्य रहना, सिर भारी रहना,शरीर पर बोझ महसूस होना,आंखें लाल होना, भूख में बहुत अंतर होना, पागलों जैसी हरकतें करना, बिना वजह बड़बड़ाना, थकान महसूस होना, सोते में उठकर चल देना या चौंक जाना.
प्रेत बाधा से जुड़े कुछ संकेत ये हैं:
अचानक महक आना और फिर चले जाना, परिवार के सदस्यों का लगातार बीमार रहना, पैसा आते ही खर्च हो जाना, घर में छिपकली, कबूतर, तोते जैसे जीवों का अचानक मरना.
प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं:
- ओम या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट पहनने और घर के बाहर दरवाजे पर ओम लिखा त्रिशूल का प्रतीक लगाने भूत नहीं आते. माथे पर चंदन या भभूति लगाने और कलाई में मौली बांधने से भी भूतों से रक्षा होती है.
- दीपावली के दिन सरसों का तेल या शुद्ध घी का दिया जलाकर काजल बनाएं फिर इसे आखों पर लगाएं, इस काजल से भूत, पिशाच आदि से और बुरी नजर से रक्षा होती है.
- रात को भोजन करने के बाद और सोने से पहले पूजा घर या किसी पवित्र स्थान पर चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग जलाएं इससे आकस्मिक संकटों से मुक्ति मिलती है.
- प्रेत बाधा दूर के करने के लिए फूल वाले चिड़चिड़े या धतूरे का पौधा जमीन पर ऐसे दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा जमीन पर दब जाए. इस उपाय से घर में भूत-प्रेत नहीं आते और घर में सुख शांति रहती है.
- प्रेत बाधा निवारक मंत्र- ओम ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ओम नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच शाकिनी डाकिनी यक्षणी पूतना मारी महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर हुं फट् स्वाहा. इस हनुमान मंत्र का 108 बार जाप करने से कभी भूत निकट नहीं आ सकते.
- अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रखकर पूजा करें. इनके सूखने पर नए पत्ते रखें और पुराने पत्तों को पीपल के पेड़ के नीचे दें. यह क्रिया लगातार सात दिन तक करने से भूत प्रेत भाग जाते हैं.
- गणेश भगवान को एक साबुत सुपारी रोज चढ़ाएं और एक कटोरी चावल दान करें. माना जाता है कि इसे आपका घर भूत प्रेतों से मुक्त हो जाएगा.
- मंगलवार या शनिवार के दिन बजरंग बाण का पाठ शुरू करें. यह भय और भूत भगाने का अच्छा उपाय है.
कुछ लक्षण और तरीके हैं जिससे अपने ऊपर तंत्र, मंत्र, यंत्र इत्यादि का प्रयोग किया या नहीं मालूम कर सकते है
- रात को सिरहाने एक लोटे मैं पानी भर कर रखे और इस पानी को गमले मैं लगे या बगीचे मैं लगे किसी छोटे पौधे मैं सुबह डाले. 7-10 दिन से एक सप्ताह मे वो पौधा सूख जायेगा है.
- रात्रि को सोते समय एक हरा नीम्बू तकिये के नीचे रखे और प्रार्थना करे कि जो भी नेगेटिव क्रिया हूई इस नीम्बू मैं समाहित हो जाये. सुबह उठने पर यदि नीम्बू मुरझाया या रंग काला पाया जाता है तो आप पर तांत्रिक क्रिया हुई है.
- यदि बार बार घबराहट होने लगती है, पसीना सा आने लगता हैं, हाथ पैर शून्य से हो जाते है. डाक्टर के जांच मैं सभी रिपोर्ट नार्मल आती हैं लेकिन अक्सर ऐसा होता रहता तो समझ लीजिये आप किसी तान्त्रिक क्रिया के शिकार हो गए है .
- घर मे सुबह या शाम मन्दिर का दीपक जलाते समय विवाद होने लगे या बच्चा रोने लगे, घर के मन्दिर मैं अचानक आग लग जाये.
- घर के सदस्यों की एक के बाद एक बीमार पड़ना , घर के जानवर जैसे गाय, भैंस, कुत्ता अचानक मर जाना.
- शरीर पर अचानक नीले रंग के निशान बन जाना ,घर मे अचानक गन्दी बदबू आना, घर मैं ऐसा महसूस होना की कोई आसपास है.
- आपके चेहरे का रंग पीला पड़ना ये भी एक कारण हैं की जितना प्रबल तन्त्र प्रयोग होगा आपके मुह का रंग उतना ही पीला पड़ता जायेगा आप दिन प्रतिदिन अपने आपको कमज़ोर महसूस करेंगे.आपके पहने नए कपड़े अचानक फट जाए, उस पर स्याही या अन्य कोई दाग लगने लग जाए, या जल जाए.