Dog Temples in India. भारत के हर कोने में कई धार्मिक स्थल (Many religious places) हैं, जिनकी अपनी अलग पहचान और मान्यताएं हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में कुछ ऐसे भी मंदिर (temples) हैं जहां कुत्तों की पूजा की जाती है। हम जानेंगे कि भारत में कहां-कहां हैं ऐसे मंदिर।
यहां कुत्तों की पूजा की जाती है
कर्नाटक के रामनगर जिले के चिन्नापटना गांव में एक कुत्ते का मंदिर है (a dog temple)। यहां के लोगों का मानना है कि कुत्तों में एक प्राकृतिक शक्ति होती है, जिससे वे अपने मालिक को हर खतरे से बचा लेते हैं। इसके अलावा उनके पास किसी भी आपदा की भविष्यवाणी करने की शक्ति है, इस मंदिर में आने और कुत्तों की पूजा करने से गांव में कोई आपदा नहीं आएगी।
कुत्ते के काटने का डर ख़त्म हो जाता है
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के एक छोटे से गांव खपरी में भी कुकुरदेव मंदिर की स्थापना की जा रही है। दरअसल, यह एक कुत्ते की समाधि है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह आखिरी सांस तक अपने मालिक के प्रति वफादार रहा। इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से काली खांसी और कुत्ते के काटने का खतरा दूर हो जाता है।
कुत्ते के नामकरण की रस्में होती हैं
कुत्ते में स्थित पेरिसिनी मंदिर भगवान मुथप्पा को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस देवता को कुत्तों से बहुत प्रेम था। इसके अलावा कुत्ते को भगवान मुथप्पन का वाहन भी माना जाता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कुत्तों का अपमान करता है तो यह भगवान मुथप्पा का अपमान माना जाता है।
इतना ही नहीं इस मंदिर में कुत्ते के नामकरण का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। नामकरण समारोह के लिए कुत्ते के मालिक अपने पालतू जानवरों के साथ यहां आते हैं। इस दौरान पुजारी कुत्तों के कान में मंत्र पढ़ता है और फिर उन्हें प्रसाद देता है।
आँगन में कुत्ते की मूर्ति
ग्रेटर नोएडा के चिपियाना गांव में स्थित भैरव बाबा के मंदिर परिसर में एक कुत्ते की मूर्ति है, जिसके प्रति लोगों की विशेष आस्था है। इसके अलावा मंदिर परिसर के पास एक तालाब भी है। इस झील के बारे में कहा जाता है कि कुत्ते के काटने पर इस झील में नहाने से कुत्ते के काटने का असर कम हो जाता है। यहां कुत्ते की मूर्ति की पूजा कर प्रसाद भी चढ़ाया जाता है।इसे भी जरूर पढ़ें –