अगर आपको शरीर का कोई भी अंग जहां जॉइंट्स में है, माने जोड़ो के दर्द दे रहा है. जिसको आप संधिवाद कहते हैं. आप गौ मूत्र पी लीजिए 15 से 20 दिन में जोड़ों का सब दर्द ठीक कर देगा.
जिनको संडास नहीं आता, खुल कर नहीं आता आप पेट साफ़ नहीं होता, बहुत ज्यादा मल-बध्धता है, कोष्ठबद्धता है, उनको मेरी विनति है कि गौ मूत्र पी लीजिए हफ्ते भर में ही पेट साफ कर देगा
इस गोमूत्र का प्रयोग करके अब तक 48 बीमारियों का इलाज किया जा चूका है, और इसके अद्भुत परिणाम देखे हैं. और ये 48 बीमारियां अक्सर हमें होती है सर्दी है, खांसी है, जुकाम है, बुखार है सब की औषधि गोमूत्र हैं कितना भी तेज बुखार आ रहा हो गोमूत्र दे दीजिए एक से सव्वा घंटे में बुखार उतरना शुरू हो जाता है. बहुत अच्छी औषधि है बस इस में सावधानी एक ही रखनी है कि गाय का मुत्र मतलब देसी गाय का मूत्र, जर्सी का नहीं.
जर्सी और देसी का अंतर आप समझते हैं थोडा तो देसी गाय के पीठ पर कान्धा होता है. गोमूत्र माने देसी गाय का मूत्र और देसी गाय में अगर बछड़ी का जो कभी माँ नहीं बनी हो, तो वह सबसे अच्छा है. हर एक बीमारी में और बछड़ी है और काले रंग की है तो सर्वोत्तम है. उसका मूत्र कैंसर जैसी बीमारी को ठीक करने की ताकत रखता है. गले का कैंसर, आहार नली का कैंसर और पेट का कैंसर मैंने तीन बीमारियों में उपयोग करके देखा है.काली बछड़ी का मूत्र अद्भुत परिणाम देता है.
कैंसर के रोगी गौमूत्र के साथ और क्या लें
आप बोलेंगे कैंसर में खाली गोमूत्र से हो जाता गोमूत्र के साथ एक छोटी सी औषध और देनी पड़ती है. कैंसर में सिर्फ कैंसर में और वह है हल्दी का रस हम ताजा हलद का रस. सुबह सुबह आधा कप गोमूत्र देना एक घंटे बाद हलद का रस देना, दो या तीन चम्मच 4 या 5 महीने तक आहार नली का कैंसर आहार नली का कैंसर, पेट का कैंसर बहुत अच्छे परिणाम होंगे, बहुत ही अच्छे
और इसीलिए अमेरिका की सरकार ने गोमूत्र पर पेटेंट करा लिया है उनको यह मालूम हो गया है और अमेरिका की सरकार ने हल्दी पर भी पेटेंट करा लिया है क्योंकि वह कैंसर के लिए उपयोग हो रही है.
आजकल तो हमारे आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार जिंदगी की खराब से खराब कोई बीमारी, खराब से खराब रोग है, आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है, या तो रसोई घर नहीं तो रसोईघर के नजदीक का जो इलाका है, उसी में आपके सभी रोगों के इलाज हो सकते हैं. एक भी रोग ऐसा नहीं है जिसके लिए आपको बाहर जाना पड़े.
इसी गोमूत्र से आप बवासीर, मुलव्याद, भगंधर तीनो रोगों को ठीक कर सकते हैं. जिनको मुल्व्याद है, बवासीर है, भगन्दर है रोज आधा कप गौमूत्र पीयें और उसके एक घंटे के बाद केले में कपूर रख के खाएं. केला है, पका हुआ केला उसको काटे और उसमें थोड़ा कपूर रखें. अगर सात दिन केला और कपूर रख के खा लिया तो आपकी बवासीर खूनी हो या बिना खुली हो ठीक कर देगा. 15 दिन अगर खा लिया तो मूलव्याद और भगन्दर को ठीक कर देगा.
ऐसे ही आपके शरीर में रक्त की कमी आती हो, रक्ताल्पता हो जाती हो तो भी गोमूत्र आप उपयोग कर सकते हैं. बार बार खांसी होती हो बार बार खांसी होती हो, 10 साल पुराणी खांसी हैं, 20 साल पुरानी खांसी है, गोमूत्र पी लीजिए और 10 दिन में खांसी ठीक हो जाती है. ऐसा कोई रोग नहीं है जो गोमूत्र से ठीक ना हो.इसे भी जरूर पढ़ें –
इसलिए चरक संहिता में चरक ऋषि ने, बागवट ऋषि ने बाणभट्ट संहिता में गाय के मूत्र को ब्रह्मांड की सबसे अच्छी औषधि कहा है. तो आप इसका इस्तेमाल करिए गाय हैं. कई लोगों के पास देसी गाय हैं. आपके पास अगर थोड़ी भी कैपिसिटी है तो एक गाय खरीद लीजिए घर के सामने रख लीजिए. घर के सामने जगह नहीं है तो कहीं खेत में गौशाला बनाकर सब लोग सामूहिक रुप से गौ पालन कर सकते हैं.
इसका मूत्र आपको औषधि के रूप में काम आएगा और दूध भी काम आएगा. दूध बचेगा तो नहीं बनेगा दही बनेगा सब कुछ काम आएगा. उत्तर प्रदेश में अलीगढ जिले में गाय का मूत्र ₹500 लीटर बिकता है दूध ₹15 लीटर ही बिकता है. दूध से महंगा मूत्र बिकता है क्योंकि मेरे गांव में गोमूत्र से औषधि बनाने का एक केंद्र चलता है. तो हमारे गांव में किसी भी गाय का मूत्र जो है खरीदने के लिए, इकट्ठा करने के लिए मारामारी रहती है. क्योंकि वह मूत्र का आश्रम करके उससे औषधियां बनती है और भारत के बहुत सारे स्थानों पर बिकती है.
आयुर्वेद चिकित्सा में गौ मूत्र को बहुत महत्व आ गया है. और भारत सरकार ने गोमूत्र की औषधि बनाने का लाइसेंस बनाना अभी से शुरु कर दिया है तो किसी को भी 350 रूपए में लाइसेंस मिल सकता है.
अगर आप देसी गाय पालते है और अगर वह दूध ना भी दे, तो भी उसका मुत्र बेच कर आप रुपए की आमदनी कर सकते हैं एक गाय से का मुत्र इकट्ठा कर रहे तो 200000 रुपय के औषधि उससे बनते हैं और बाजार में आसानी से बिकती हैं इसलिए मेरी सब को विनती है कि गाय पालिए.