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इस जनजाति के लोग माने जाते है सबसे ज्यादा खूंखार, बाहरी लोगों को देखते ही कर देते है खत्म

इस जनजाति के लोग माने जाते है सबसे ज्यादा खूंखार, बाहरी लोगों को देखते ही कर देते है खत्म
इस जनजाति के लोग माने जाते है सबसे ज्यादा खूंखार, बाहरी लोगों को देखते ही कर देते है खत्म

Mashco Piro Tribes: दुनिया में अभी भी कई जनजातियाँ ऐसी हैं जो बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कटी हुई हैं. पेरू के अमेजन वर्षावन में बसी माश्को पिरो जनजाति ऐसी ही एक जनजाति है.

माश्को पिरो जनजाति का परिचय

माश्को पिरो जो कि अमेजन वर्षावन के गहरे इलाकों में बसी हुई है. आधुनिक सभ्यता से अछूती एक जनजाति है. यह जनजाति परियामानु नदी के इर्द-गिर्द अपना जीवनयापन करती है.

जनजाति और बाहरी दुनिया का संघर्ष

माश्को पिरो जनजाति और बाहरी दुनिया के बीच कभी-कभी संघर्ष की स्थितियाँ बनती हैं. क्योंकि वे अपने पारंपरिक लाइफस्टाइल को बनाए रखने के लिए बाहरी हस्तक्षेपों से बचना चाहते हैं.

जनजाति का लाइफस्टाइल

माश्को पिरो के लोग मुख्यतः शिकार पर निर्भर रहते हैं. वे जानवरों और मछलियों का शिकार करके अपनी जीविका चलाते हैं और प्रकृति के साथ गहरा संबंध रखते हैं.

भाषा और संस्कृति

इस जनजाति के सदस्य नोमोले-पीरो भाषा बोलते हैं और अपनी पारंपरिक आदिवासी धर्म का पालन करते हैं. उनकी संस्कृति उनके रीति-रिवाजों और पारंपरिक मान्यताओं में झलकती है.

सरकारी नीतियाँ और प्रतिबंध

पेरू सरकार ने माश्को पिरो जनजाति के संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं. सरकार ने इस जनजाति से किसी भी तरह के संपर्क पर पूरी तरह से रोक लगा दी है ताकि उनकी संस्कृति को बाहरी प्रभावों से बचाया जा सके.

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