Broom Vastu Tips:भारतीय संस्कृति और परंपराओं के में हर छोटी-बड़ी चीज का खास महत्व होता है, यहां तक कि झाड़ू जैसी साधारण वस्तु को भी शुभ और अशुभ समय के अनुसार खरीदने की मान्यता हैं।
झाड़ू का संबंध मां लक्ष्मी से हैं।
क्योंकि, लक्ष्मी जी का वास उसी घर पर होता है, जहां साफ-सफाई रहती है और झाड़ू से ही सफाई के काम किए जाते हैं। लेकिन, मां लक्ष्मी से संबंधित होने के कारण बहुत सारे लोगों के मन में झाड़ू को लेकर कई तरह प्रश्न होते हैं कि झाड़ू कब खरीदना चाहिए, कब नहीं खरीदना चाहिए, पुराने झाड़ू का क्या करना चाहिए आदि।
धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो सप्ताह के कुछ खास दिन ऐसे होते हैं, जब झाड़ू खरीदना अशुभ माना गया हैं। मान्यता है कि, शनिवार और मंगलवार को झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए। कहते है, ऐसा न करने पर घर में धन की हानि हो सकती हैं। और परिवार में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इस दिन झाड़ू खरीदने से घर की लक्ष्मी रूठकर चली जाती हैं, जिससे घर की समृद्धि में कमी आ जाती हैं। इसलिए, इन दोनों दिनों में झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए। इन दिनों को ज्योतिष शास्त्र में भी महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह दिन शनि और मंगल ग्रह से जुड़े होते हैं, जो कर्म और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए इन ग्रहों की अशुभता से बचने के लिए इन दिनों में झाड़ू न खरीदने की सलाह दी जाती है।
अगर झाड़ू पुरानी हो गई है, तो घर में उचित जगह पर छिपाकर रख दें। इसके बाद उचित दिन पर झाड़ू को घर से बाहर निकालें। इस समय भी झाड़ू पर किसी की नजर नहीं पड़नी चाहिए। अगर आप पुरानी झाड़ू को बाहर निकालते समय इन नियमों का पालन करते हैं, तो धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है।
वास्तु जानकारों की मानें तो, भूलकर भी टूटी हुई झाड़ू का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति बदहाल हो जाती है। टूटी हुई झाड़ू को घर में छिपाकर रख दें और उचित दिन पर घर से बाहर निकालें।
ज्योतिष के अनुसार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को झाड़ू खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। इन दिनों में झाड़ू खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और भाग्य लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। यह न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है बल्कि घर में सुख-शांति और स्वास्थ्य का भी वास होता है। साथ ही, झाड़ू का सही तरीके से उपयोग करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है और घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक बना रहता है।