नई दिल्ली। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर को पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस दिन को हर साल राष्ट्रीय संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने वाली इंदिरा ने इसी दिन देश की एकता और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया था।
आइये जानते हैं इसी कड़ी में इंदिरा के जीवन से जुड़ी हुई एक किस्से के बारे में।
बंद कमरे में सिखाते थे योग
क्या आपको मालूम है कि योगगुरु बाबा रामदेव से पहले भी एक ऐसे योगगुरु रह चुके हैं, जिनका प्रोग्राम टीवी पर आता था। बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले धीरेंद्र ब्रह्मचारी भारत के बड़े योगगुरु रह चुके हैं। उनकी धाक सत्ता तक थी। पूर्व पीएम नेहरू और इंदिरा गांधी के वो योग गुरु रह चुके थे। उनके बारे में कहा जाता है कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा के इतने करीब थे कि बंद कमरे में उन्हें योग सिखाते थे। इंदिरा गांधी के जीवनी की लेखिका कैथरीन फ्रैंक ने अपनी किताब में धीरेंद्र ब्रह्मचारी और प्रधानमंत्री के रिश्ते का जिक्र किया है।
उड़ाते थे प्राइवेट जेट
धीरेंद्र ब्रह्मचारी को शिक्षा मंत्रालय से अनुदान मिलता था। साथ ही उन्हें मंत्रालय की तरफ से उन्हें एक शानदार बंगला भी मिला हुआ था। कहा जाता है कि धीरेंद्र जब 13 साला के थे तभी उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। लखनऊ के गोपालखेड़ा में महर्षि कार्तिकेय आश्रम में रहकर वो योग सिखाने लगे थे। बाद में सियासी गलियारों में भी खूब दिखे जाने लगे। उनके रसूख का अंदाजा उसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास 4 सीटर प्राइवेड जेट, 19 सीटर डार्नियर और मॉल-5 विमान था। अपना विमान वह खुद उड़ाया करते थे।
राजीव को नहीं थे पसंद
पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की आत्मकथा ‘मैटर्स ऑफ डिस्क्रेशन’ में धीरेंद्र ब्रह्मचारी का जिक्र है। 12 फरवरी 1924 को बिहार के मधुबनी जिले में जन्में धीरेंद्र ब्रह्मचारी और इंदिरा गांधी की पहली मुलाकात कश्मीर में हुई। धीरेंद्र न सिर्फ इंदिरा बल्कि जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भी योग गुरु थे। एक समय ऐसी अफवाहें भी उड़ी की इंदिरा पर उन्होंने काला जादू कर रखा है। आपातकाल के दौरान वो इंदिरा के और करीब आए। रामचंद्र गुहा की किताब ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ में लिखा है कि वो संजय गांधी के भी काफी करीब थे। हालांकि राजीव गांधी उन्हें ख़ास पसंद नहीं करते थे।
इंदिरा को आखिरी बार नहीं देख सके
कहा जाता है कि संजय की मौत के बाद उनका दखल गांधी परिवार में कम हो गया। राजीव गांधी उन्हें पसंद नहीं करते थे तो उन्होंने आने-जाने पर रोक लगा दी। दूरदर्शन पर उनके आने वाले कार्यक्रम को बंद करवा दिया गया। इंदिरा गांधी के निधन के बाद उन्हें अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिया गया। कुछ दिन बाद एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्य हो गई। उनका विमान झाड़ियों में मिला था।