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एग्जिट पोल में हार के संकेत के बाद ऋषि सुनक ने की इस्तीफे की घोषणा

एग्जिट पोल में हार के संकेत के बाद ऋषि सुनक ने की इस्तीफे की घोषणा

 

लंदन। यूनाइटेड किंगडम के बहुप्रतीक्षित आम चुनाव में मतदान समाप्त हो गया है और एग्जिट पोल के अनुमान आने लगे हैं. बीबीसी-इप्सोस एग्जिट पोल के अनुसार, किएर स्टार्मर (Keir Starmer) के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी 410 सीटें जीत सकती है, जबकि मौजूदा पीएम ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को महज 131 सीटें मिलने का अनुमान है. 650 सांसदों वाले सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की आवश्यकता होती है. हार का संकेत मिलने के बाद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है.

एग्जिट पोल के अनुमान अगर वास्तविक नतीजों में तब्दील होते हैं, तो लेबर पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है और किएर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. यूके में मतदान समाप्त होते ही वोटों की गिनती शुरू हो गई थी, लेकिन 650 सीटों वाली संसद में स्पष्ट विजेता कौन होगा यह सामने आने में कुछ घंटे लगेंगे. एक अन्य सर्वे एजेंसी YouGov ने किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 431 सीटें मिलने और पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के लिए सिर्फ 102 सीटों की भविष्यवाणी की है.

यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो इससे लेबर पार्टी को 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में जबरदस्त बहुमत मिल जाएगा. YouGov ने 89 करीबी मुकाबले वाली सीटों की भी पहचान की है. एग्जिट पोल के अनुमान कंजर्वेटिव पार्टी के लिए 1906 के बाद से उसकी संभावित सबसे बुरी हार के संकेत देते हैं, जब उसे 156 सीटों पर जीत मिली थी. लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी को 72 सीटें और रिफॉर्म यूके पार्टी को 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.

कंजर्वेटिव पार्टी 14 वर्षों से सत्ता में ​काबिज है

बता दें कि कंजर्वेटिव पार्टी पिछले 14 वर्षों से सत्ता में ​काबिज है. इस दौरान यूनाइटेड किंगडम ने 5 प्रधानमंत्री देख लिए. साल 2010 में हुए आम चुनावों में मिली कंजर्वेटिव्स को मिली जीत के बाद डेविड कैमरन पीएम बने थे. उसके बाद 2015 के यूके इलेक्शन में कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली और कैमरन फिर पीएम बने. लेकिन 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था. उनकी जगह कंजर्वे​टिव्स ने टेरेसा मे को प्रधानमंत्री बनाया. वह 2019 तक इस पद पर रहीं. 2019 में बोरिस जॉनसन यूके के प्रधानमंत्री बने. फिर बीच में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं. लेकिन वह सिर्फ 50 दिन ही पद पर रह सकीं. उनकी जगह ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने.

भारत के लिए यूके इलेक्शन का क्या है महत्व?

भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. लेबर पार्टी की प्रचंड जीत से दोनों देशों के बीच एफटीए पर चल रही वार्ता के डायनामिक्स में बदलाव आ सकता है. यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो अन्य यूरोपीय देशों की तरह ब्रिटेन में भी वर्तमान सरकार बदल जाएगी. बता दें कि कोविड महामारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट के बाद कई यूरोपीय देशों में हुए चुनाव में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है. एग्जिट पोल के आंकड़े ब्रिटेन में भी यह चलन कायम रहने के संकेत देते हैं.

यूके मतलब- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड

यूनाइटेड किंगडम- इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड से मिलकर बनता है और आम चुनाव इन सभी देशों पर लागू होते हैं. यूके में कुल 650 निर्वाचन क्षेत्र हैं, इनमें से 533 सीटें इंग्लैंड, 59 सीटें स्कॉटलैंड, 40 सीटों वेल्स और 18 सीटें उत्तरी आयरलैंड में पड़ती हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यूके के भीतर आने वाले प्रत्येक देश की अपनी सरकार भी होती है और वहां चुनाव होते हैं.

स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में भी होते हैं चुनाव

उदाहरण के लिए स्कॉटलैंड में स्कॉटिश संसद (Holyrood) है जिसके लिए स्थानीय चुनाव होते हैं. वेल्स में सेनेड (संसद) है और इसके लिए स्थानीय चुनाव होते हैं. उत्तरी आयरलैंड में स्थानीय विधानसभा (Stormont) है और इसके लिए स्थानीय चुनाव होते हैं. आम चुनाव वेस्टमिंस्टर में स्थित यूनाइटेड किंगडम के सदस्यों को चुनने के लिए होता है, जहां सभी चार देश भाग लेते हैं. यूके गवर्नमेंट, जिसे केंद्रीय सरकार या वेस्टमिंस्टर के नाम से भी जाना जाता है, उसके पास स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में भी कुछ मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार है. ये मामले विदेश नीति, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था से संबंधित हैं. अपने आंतरिक मामलों की चारों देशों की स्थानीय सरकारें करती हैं.

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