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कब्ज और डायबिटीज का चमत्कारी उपाय है एक बासी रोटी, डॉ ने कहा फेकने के बजाए इतने घंटे पहले खाएं.,.,.

कब्ज और डायबिटीज का चमत्कारी उपाय है एक बासी रोटी, डॉ ने कहा फेकने के बजाए इतने घंटे पहले खाएं.,.,.
कब्ज और डायबिटीज का चमत्कारी उपाय है एक बासी रोटी, डॉ ने कहा फेकने के बजाए इतने घंटे पहले खाएं.,.,.

रोटी भारतीय आहार का मुख्‍य हिस्‍सा है। इसके बिना थाली अधूरी लगती है। चाहें कितने भी पकवान खाने में क्‍यों न हों, लेकिन रोटी के साथ सब्‍जी या चटनी खाने का जो आनंद है, किसी और भोजन में कहां। इसके अलावा सेहत के लिए भी रोटियां बहुत फायदेमंद हैं। रोटियां अक्‍सर गर्म और ताजी खाई जाती हैं। पर क्‍या आपने कभी रात की बची बासी रोटी खाई है। वैसे तो कई लोग इसे हेल्‍दी नहीं मानते।कहते हैं कि बासी रोटी में बैक्‍टीरिया पनपते हैं, जिससे पेट से जुड़े रोग और अन्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं। इसलिए कई लोग बासी रोटी खाने से बचते हैं। लेकिन न्‍यूट्रिशनिस्‍ट और कंटेंट क्रिएटर दीपशिखा जैन के अनुसार, बासी रोटी ताजी बनी हुई रोटियों से बेहतर होती हैं। उनका मानना है कि जब रोटियां 12 घंटे तक ठंडी जगह पर रखी रहती हैं, तो उनकी संरचना बदल जाती है, जिसके कई फायदे हैं। तो आइए जानते हैं कि क्‍यों बासी रोटी को ताजी रोटी से बेहतर माना गया है।

बासी रोटी क्‍यों फायदेमंद है

एक्सपर्ट के अनुसार, रोटी को ठंडा करने की प्रक्रिया पाचन को बेहतर बनाती है। इतना ही नहीं, इसके सेवन से गुड बैक्टीरिया की संख्‍या में भी सुधार होता है। अथरेया अस्पताल बेंगलुरु के कंसल्‍टेंट डॉ. चैतन्य एचआर जैन इस बात से सहमत हैं। उन्‍होंने इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि जो रोटी रातभर बाहर या फ्रिज में रहती हैं, उसके भीतर मौजूद स्‍टार्च कई बदलावों से गुजरता है। रोटी में मौजूद कार्बोहाइड्रेट रेजिस्टेंट स्‍टार्च में बदल जाते हैं। यह स्‍टार्च न केवल छोटी आंत में पाचन को रोकता है बल्कि बड़ी आंत तक भी जाता है। यहां ये प्रीबायोटिक के तौर पर काम करता है।

रेसिस्टेंट स्‍टार्च वाली बासी रोटी खाने के फायदे

बासी रोटी से बढ़ता रेसिस्टेंट स्‍टार्च गट हेल्‍थ को बढ़ावा देता है। यह बैक्टीरिया पाचन को स्‍वस्‍थ बनाकर ब्‍लोटिंग और कब्‍ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा रेसिस्टेंट स्‍टार्च का काम ब्‍लड शुगर को कंट्रोल करना है। यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को स्‍लो करके ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है।

पोषण में आती है कमी

डॉ. चैतन्य के अनुसार, बासी रोटी के टूटने पर इसमें मौजूद प्रोटीन और विटामिन की मात्रा कम हो जाती है। इसके अलावा पुरानी बासी रोटियों में फफूंद लगना चिंता की बात है। इसलिए इन्‍हें खाना नुकसानदायक है। डॉक्‍टर की सलाह है कि बासी रोटी को अच्‍छी तरह से स्‍टोर करें और समय सीमा के अंदर इसे खा भी लें। ज्‍यादा दिनों की रखी रोटी स्‍वास्‍थ्‍य को कमजोर बनाती है।

बासी रोटी को आहार में कैसे शामिल करें

एक्‍सपर्ट के अनुसार, स्‍वस्‍थ रहने के लिए संतुलित आहार जरूरी है। आप दही, सब्‍जी और दाल के साथ बासी रोटी का आनंद ले सकते हैं।

बासी रोटी कई मायनों में स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप पूरी तरह इसी पर निर्भर रहें। शरीर में पोषक तत्‍वों को बरकरार रखने के लिए ताजी रोटी का सेवन करना ही अच्‍छा है।

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