लड़कियों में जल्दी पीरियड्स (Early Periods in Girls) : आजकल लड़कियों में कम उम्र में पीरियड्स आना चिंता का विषय बन गया है। अब 11 साल की उम्र से पहले पीरियड्स आने वाली लड़कियों की संख्या 8.6% से बढ़कर 15.5% हो गई है और 9 साल की उम्र से पहले पीरियड्स आने वाली लड़कियों की संख्या दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है। यह स्थिति लड़कियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
शोध का नज़रिया (Research perspective)डेट का स्वास्थ्य पर प्रभाव (periods Effects on health) लड़कियों में जल्दी पीरियड्स हेल्थ पर असरलडकियों में समय से पहले पीरियड्स आने के मुख्य कारण (Major reasons)लड़कियों में जल्दी पीरियड्स आने पर माता-पिता के लिए सुझाव (Tips for parents)
शोध का नज़रिया (Research perspective)
JAMA नेटवर्क ओपन जर्नल के एक शोध के अनुसार, अमेरिका में लड़कियों का पहला पीरियड 1950 और 60 के दशक की तुलना में औसतन लगभग 6 महीने पहले आ रहा है। इस शोध में पाया गया कि 1950 से 1969 के बीच 12.5 साल की उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाते थे, जबकि 2000 से 2005 के बीच 11-12 साल की उम्र में शुरू हो गए। अब 11 साल की उम्र से पहले पीरियड्स आने वाली लड़कियों की संख्या 8.6% से बढ़कर 15.5% हो गई है।
शोध में दावा किया गया है कि लड़कियों में समय से पहले पीरियड्स आना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे लड़कियों में हृदय रोग, मोटापा, गर्भपात और समय से पहले मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही समय से पहले पीरियड्स आने की वजह से कई तरह के कैंसर जैसे ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
लडकियों में समय से पहले पीरियड्स आने के मुख्य कारण (Major reasons)
मोटापा: कम उम्र में मोटापा एक बड़ा कारण है। मोटापे की वजह से शरीर में एस्ट्रोजन हॉरमोन का स्तर बढ़ जाता है, जो समय से पहले पीरियड्स शुरू होने का संकेत देता है।
तनाव: तनाव की वजह से कॉर्टिसोल और एंड्रोजन हॉरमोन का स्तर बढ़ जाता है, जो समय से पहले पीरियड्स शुरू होने में मदद करते हैं।
पर्यावरणीय रसायन: हमारे पर्यावरण में फैले हानिकारक रसायन भी समय से पहले पीरियड्स शुरू होने में अहम भूमिका निभाते हैं।
कॉस्मेटिक उत्पाद: लड़कियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कॉस्मेटिक उत्पादों में भी ऐसे तत्व हो सकते हैं जो हॉरमोनल बदलाव का कारण बनते हैं।
लड़कियों में जल्दी पीरियड्स आने पर माता-पिता के लिए सुझाव (Tips for parents)
संतुलित आहार: माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे फलों और सब्जियों से भरपूर स्वस्थ आहार लें। स्वस्थ और संपूर्ण आहार लेने से समय से पहले यौवन और पीरियड्स के जोखिम को कम किया जा सकता है।
नियमित व्यायाम: बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और हॉर्मोनल संतुलन बना रहता है।
पर्याप्त नींद: देर से सोना और कम नींद लेना भी समय से पहले यौवन से जुड़ा हुआ पाया गया है। इसलिए बच्चों को पर्याप्त नींद लेने की आदत डालें।
तैयारी और जागरूकता: माता-पिता को अपने बच्चों को पीरियड्स के बारे में पहले से ही जानकारी दे देनी चाहिए, ताकि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें।
इन उपायों को अपनाकर माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और समय से पहले पीरियड्स के जोखिम को कम कर सकते हैं।