कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत की ओर से मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने के खिलाफ पूरे राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच गवर्नर की सुरक्षा व्यवस्था में काफी इजाफा कर दिया गया है। राजभवन सूत्रों ने बुधवार को इस बीत की पुष्टि की कि गहलोत ने मंगलवार सुबह से बुलेटप्रूफ वाहन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि गहलोत को जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल के पद पर होने के कारण सभी राज्यपाल जेड प्लस सुरक्षा के हकदार हैं। अभी तक राज्यपाल इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, क्योंकि उन्हें इसकी जरूरत महसूस नहीं हो रही थी, लेकिन अब उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी जाएगी।’
कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) साइट आवंटन घोटाले के सिलसिले में सिद्दारमैया की जांच और उन पर मुकदमा चलाने की गहलोत की मंजूरी के बाद, पूरे कर्नाटक में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन, पैदल मार्च और रैलियां आयोजित कीं, राज्यपाल के कार्यों की निंदा करते हुए तख्तियां दिखाईं और उनके खिलाफ नारे लगाए।
विपक्षी भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग को लेकर बेंगलुरु में प्रदर्शन किया। वहीं इसके विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने राज्यपाल गहलोत के पुतले भी जलाए।
सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए
सुरक्षा उपायों में गहलोत को बुलेटप्रूफ कार और संभवतः जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। यह कदम बढ़ते तनाव और चल रहे विरोध प्रदर्शनों से उत्पन्न खतरों का आकलन करने के बाद उठाया गया है। यह निर्णय स्थिति की गंभीरता बताती है और इसका उद्देश्य बढ़ती अशांति के बीच राज्यपाल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सोमवार को मंगलुरु में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस नेता इवान डिसूजा ने सख्त चेतावनी दी कि गहलोत को राजभवन से भागने के लिए मजबूर किया जा सकता है, उन्होंने अपदस्थ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के हाल ही में भागने की घटना की भी तुलना की। एमएलसी डिसूजा ने कहा, ‘गहलोत, बाहर निकलो। उन्हें वापस जाना होगा। अगर राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) उन्हें वापस नहीं बुलाते हैं…जिस तरह से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री आधी रात को भाग गई थीं…तो राज्यपाल के कार्यालय के साथ भी यही स्थिति होगी।’
76 वर्षीय शेख हसीना सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को इस्तीफा देकर भारत भाग आईं। डिसूजा ने इस संदर्भ का इस्तेमाल मौजूदा तनाव के बीच राज्यपाल गहलोत को वापस न बुलाने पर संभावित परिणामों की चेतावनी के तौर पर किया है।
— Suzal Dhiman (@dhiman_suz14086) August 21, 2024
इस घटना ने कर्नाटक को राजनीतिक तनाव में डाल दिया है, क्योंकि सत्ताधारी कांग्रस और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। राज्य का राजनीतिक परिदृश्य अस्थिर बना हुआ है।