बड़े-बड़े अभिनेता-अभिनेत्री और राजनेता से लेकर के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के तकरीबन हर सदस्य अपने हाथ, पैर में काला धागा अवश्य बांधते हैं। काला धागा बांधने के पीछे का उद्देश्य रहता है कि उनको किसी की नजर नहीं लगेगी और उन पर कोई भूत प्रेत जैसी बढ़ाएं नहीं आएगी।
भारत की संस्कृति में काला धागा बहुत अमूल्य है। लोग काले धागे में रुद्राक्ष की माला या लॉकेट भी डाल कर पहनते हैं। लेकिन क्या आपको पता है जिस प्रकार से हर व्यक्ति का अपना स्वभाव होता है उसी प्रकार से काला धागा का भी एक स्वभाव है। काला रंग राहु का प्रतीक है यदि आप काला रंग धारण कर रहे हैं तो इससे आप अपने जीवन में राहु का प्रवेश करा रहे हैं। आप जानते हैं कि राहु यदि आपकी कुंडली में आ जाए तो आपके जीवन की दशा खराब हो जाती है।
काला धागा बांधने से क्या दुष्परिणाम हो सकता है?
काला धागा यदि कोई व्यक्ति बांधता है तो उसे इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि काले रंग का धागा कोई सामान्य धागा नहीं है। अपितु यह धागा राहु का प्रतीक है इसीलिए आप जब भी इस धागे को बांधे तो इसे अभिमंत्रित कर ही बांधे। अभिमंत्रित करने से जो आपके जीवन में ग्रह और नक्षत्र हैं तो उनकी कृपा आप पर बरसने लगेगी।
यदि आप वैसे ही बिना अभिमंत्रित किए ही बांध लेंगे तो आपके जीवन में कुंडली मार के राहु बैठ जाएगा। जिसके परिणाम स्वरूप आप हर जगह असफल होते नजर आएंगे। आप जो भी कार्य कर रहे हैं यदि वह सफल होने वाला है, लेकिन राहु के हस्तक्षेप से वह कार्य पूर्ण भी नहीं हो पाएगा तथा उस कार्य के प्रति आप को हतोत्साहित भी कर दिया जाएगा।
इसीलिए आप काले धागे को अभिमंत्रित करके ही बांधे और जीवन में आप जिस भी व्यक्ति को देखते हैं कि वह काला धागा बांधता है और उसे देख कर के आप भी बांध लेते हैं तो ऐसा प्लीज मत करिए। क्योंकि उस व्यक्ति से यह पूछिए उसने काला धागा क्यों बांधा है उसके पीछे का उद्देश्य क्या है यह सब जानकारी जानने के बाद ही काला धागा बांधे अन्यथा दुष्परिणाम भुगतने के लिए तत्पर रहें।