हरियाणा के चरखी दादरी के एक गांव में एक अनुसूचित जाति समुदाय की नाबालिग लड़की के साथ हैवानियत की गई है.
गांव के ही कुछ युवकों ने 17 वर्षीय किशोरी के साथ गैंगरेप (Minor girl gangrape case) की घटना को अंजाम दिया है.
गैंगरेप के बाद पीड़िता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि 3 युवकों ने पहले किशोरी को अगवा किया और फिर उसके साथ गैंगरेप किया. घटना के बाद से पूरे गांव में सनसनी मची हुई है.
मामले में पुलिस ने बताया कि अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाली किशोरी 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही थी. शुक्रवार को वह अपने घर पर अकेली थी, तभी आरोपी उसके घर में घुस आए और उसका अपहरण कर लिया.
आरोपियों ने किशोरी को नजदीक के एक इलाके में ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया. बाढड़ा के थाना प्रभारी चंदर शेखर ने बताया कि इस घटना के कुछ घंटों बाद किशोरी ने अपने घर में फंदे से लटककर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.
बाढड़ा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसएपी) देश राज ने बताया कि किशोरी और तीनों आरोपी एक ही गांव के रहने वाले हैं. मुख्य आरोपी उसके घर के पास रहता है.
उन्होंने बताया कि आरोपियों पर अपहरण, गैंगरेप, आत्महत्या के लिए उकसाने और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. किशोरी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, जहां डॉक्टरों की एक टीम ने उसका पोस्टमॉर्टम किया.
क्या है पॉक्सो एक्ट
18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव इस कानून के दायरे में आता है. ये कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है. इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है.
2012 में बने इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. पॉक्सो कानून के तहत सभी अपराधों की सुनवाई, एक विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे के सामने बच्चे के माता पिता या जिन लोगों पर बच्चा भरोसा करता है, उनकी मौजूदगी में करने का प्रावधान है.