पिता-पुत्र का रिश्ता बाहर से दिखने में एकदम शांत होता है मगर इनकी डोर काफी मजबूत होती है। भारत में पहले के दौर पर पिता-पुत्र आपस में ज्यादा बात भी नहीं करते थे। दोनों के बीच का पुल घर की महिला होती थी। समय बदला मगर अभी भी बेटे अपनी मां के करीब होते हैं। अधिकतर वे अपनी सारी बातें मां के साथ शेयर करते हैं। पिता अपने बेटे से कितना प्यार करते हैं वे जाहिर नहीं कर पाते, बेटा चाहकर भी पिता को आसानी से गले नहीं लगा पाता। हालांकि दोनों के बीच प्रेम बहुत होता है।
बेटे के सामने परेशानी आने से पहले पिता उसके सामने दीवार बनकर ढाल की तरह खड़ा होता है तो वहीं बेटे के सामने उसके पिता के बारे में कोई कुछ कह नहीं पाता। हालांकि इस पिता को अपने बेटे की वजह से जो दिन देखने पड़े भगवान न करें कि किसी को यह देखना पड़े। बेटे ने कुछ ऐसा किया कि पिता को अपने ही बेटे के खिलाफ अखबार में विज्ञापन छपवाना पड़ा। चलिए बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं अपनी जिम्मेदारिया समझने लगते हैं। कई बार वे अपने लक्ष्य को पाने के लिए परिवार के लोगों की अनदेखी भी कर देते हैं। जैसे-जैसे पिता की उम्र ढलती हैं उन्हें अपने बच्चों की जरूरत होती है। हालांकि जब बच्चा बड़ा होकर बुरी आदतों में पड़ जाए तो एक पिता क्या कर सकता है? बुजुर्ग पिता जब जवान बेटे को गलत संगति में देखता है, गलत आदतों में पड़े देखता है तो उसकी दिल टूट जाता है। वह अपनी परवरिश को कोसने लगता है। वह मन ही मन कुढ़ता है और खुद को ब्लेम करता है। वह बेटे को बुरी चीजों से निकालने की पूरी कोशिश करता है मगर आखिर में वह हार जाता है।
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कहा जाता है कि अगर बढ़ते बच्चे को सही संस्कार न सिखाए जाएं तो वह अक्सर बुरी संगत का असर उस पर जल्दी होता है। माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छा बर्ताव करे, कभी किसी का अपमान न करें, अच्छे-बुरे में अंतर को पहचाने लेकिन कई बार बच्चे गलत चीजों में पड़कर माता-पिता के जिंदगी भर की मेहनत को मिट्टी में मिला देते हैं। ऐसे ही एक बेटे की गलती के कारण पिता के लिए अपने ही बेटे के खिलाफ विज्ञापन जारी करना पड़ा।
ऐसा क्या है विज्ञापन में?
अखबार में एक पिता ने अपने बेटे को लेकर विज्ञापन प्रकाशित करवाया था। इस विज्ञापन में लिखी गई एक-एक लाइन को पढ़कर आप भी यही कहेंगे कि ऐसा समय किस पिता को न देखना पड़े। इस विज्ञापन में लिखा है “मेरा बेटा दीपक बालू मोरे (उम्र 22 साल, प्रभाकर वस्ती, बुधवार पेठ, सोलापुर) बुरे लोगों की संगति में रहकर बिगड़ गया है। वह लोगों से पैसे उधार लेकर शराब पीता है, जुआ खेलता है। वह इन चीजों में फंस गया है। इससे पहले भी हम उसके उधार के पैसे और कई गुना ब्याज चुका चुके हैं, लेकिन अब हम उसके लिए गए लेन-देन के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। किसी को भी उसके साथ लेनदेन नहीं करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि एक पिता के रूप में उसके इधार की जिम्मेदारी मुझपर या मेरे परिवार पर नहीं होगी। यह सार्वजनिक सूचना है”।
इस विज्ञापन को हर पिता को पढ़ना चाहिए और अपने बच्चों को भी पढ़ाना चाहिए। इसे एक बार नहीं बार-बार पढ़ें और बच्चों को पढ़ने को कहें। इस विज्ञापन को सोशल मीडिया पर lay_bhari_official नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया गया है।
इस विज्ञापन को पढ़ने के बाद नेटीजन भी भावुक हो गए हैं। कई लोगों अपने पिता पर बोझ डालने वाले इस लड़के की आलोचना की है। एक यूजर ने कहा, ‘भाई, मैं आपकी हरकतों के कारण आप पर कमेंट कर रहा हूं… कोई भी पिता नहीं चाहता कि उसका बेटा बर्बाद हो।’हर पिता चाहता है कि उसका बेटा अच्छा बने। आख़िरकार, वे पिता हैं और उन्होंने एददम सही काम किया है।” दूसरे ने कहा, ”कोई पिता अपने बेटे के साथ बुरा नहीं करता। एक लड़के को सही और गलत का पता होना चाहिए।” इस वायरल पोस्ट पर आपकी क्या राय है।