नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद अब आतिशी नई मुख्यमंत्री बनेंगी। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी को चुना है। मंगलवार को सर्वसम्मति से विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लगाई गई। आतिशी के नाम का प्रस्ताव अरविंद केजरीवाल ने रखा। केजरीवाल के प्रस्ताव पर सबने सहमति जताई। आतिशी अब अगला चुनाव होने तक दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी रहेंगी। दिल्ली में अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं। दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। सीएम पद की कुर्सी छोड़ने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल अब मुख्यमंत्री आवास को खाली करेंगे।
पहले ही कर दी थी घोषणा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने की घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री आवास खाली करने की बात कही थी। केजरीवाल ने कहा था कि मैं दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। इसके साथ ही 15 दिन के भीतर सीएम आवास को खाली कर दूंगा। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सीएम आवास छोड़ना प्रोटोकॉल का ही हिस्सा है। अपने पद से इस्तीफा देने वाले मुख्यमंत्री को सरकारी आवास 15 दिन के भीतर खाली करना होता है। दरअसल, दिल्ली में सीएम के लिए अलग को कोई सरकारी आवास नहीं बनाया है। मुख्यमंत्री जिस बंगले में रहते हैं उसे ही सीएम आवास का दर्जा मिल जाता है।
सैलरी-भत्तों में होगी कटौती
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद केजरीवाल के सैलरी में कमी के साथ ही कई भत्तों में कटौती हो जाएगी। दिल्ली में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की बेसिक सैलरी 60 हजार रुपये है। वहीं, विधायकों की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये है। कुछ समय पहले ही दिल्ली में विधायकों के वेतन में 66 फीसदी और मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की सैलरी में 136 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
अब कितना वेतन मिलेगा
दिल्ली में मुख्यमंत्री को वेतन और भत्ते मिलाकर कुल 1 लाख 70 हजार रुपये मिलते हैं। इसमें बेसिक सैलरी के अलावा 30 हजार निर्वाचन भत्ता, 25 हजार सचिवालय भत्ता, गेस्ट खर्च के लिए 10 हजार, इसके अलावा डेली खर्च के लिए 1500 रुपये का अमाउंट मिलता है। ऐसे में सीएम पद छोड़ने के बाद केजरीवाल इन सब अतिरिक्त राशि से वंचित हो जाएंगे। अब उन्हें विधायक के रूप में बेसिक सैलरी, यात्रा भत्ता, टेलीफोन खर्च और अन्य भत्ते मिलाकर 90 हजार रुपये मिलेंगे। ऐसे में केजरीवाल को अब हर महीनें 1.70 लाख की जगह 90 हजार रुपये मिलेंगे।
सरकारी गाड़ी की सुविधा नहीं मिलेगी
मुख्यमंत्री को सरकार गाड़ी और हेलीकॉप्टर का खर्च भी मिलता है। सरकार गाड़ी में हर महीने 700 लीटर पेट्रोल मुफ्त रहता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अपनी निजी गाड़ी का प्रयोग करते हैं तो इसके लिए 10 हजार रुपये मिलते हैं। जबकि विधायकों के साथ ऐसा नहीं है। सीएम को गाड़ी खरीदने के लिए 12 लाख रुपये का लोन मिलता है, वहीं विधायकों के लिए यह राशि 8 लाख रुपये है। इसे भी जरूर देखें –