‘कैटरीना ढंग से खड़ी भी नहीं हो पाती थीं..’ एक्ट्रेस के बारे में ये क्या बोल गए शेखर सुमन, बेटे के कमबैक पर कही ये बात.

shekhar suman, katrina kaif- India TV Hindi

अभिनेता शेखर सुमन इन दिनों संजय लीला भंसाली की ‘हीरामंडीः द डायमंड बाजार’ को लेकर सुर्खियों में हैं। इस सीरीज में अभिनेता ने मल्लिकाजान (मनीषा कोइराला) के साहब खान बहादुर जुल्फीकार अहमद का किरदार निभाया है। ये सीरीज शेखर सुमन के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि इस सीरीज के साथ उनके बेटे अध्ययन सुमन ने भी कमबैक किया है। सीरीज में अध्ययन सुमन भी अहम रोल में हैं। उन्होंने सीरीज में जुल्फीकार अहमद के जवानी और फिर उसके बेटे का रोल निभाया है। सीरीज में दोनों का रोल भले कम था, लेकिन काफी महत्वपूर्ण था। अपने छोटे रोल में ही शेखर सुमन और अध्ययन सुमन ने सबका दिल जीत लिया। अब शेखर सुमन ने हाल ही में अपने और अपने बेटे के करियर को लेकर खुलकर बात की।

शेखर सुमन ने दिया कैटरीना कैफ का उदाहरण

बॉलीवुड हंगामा के साथ बातचीत में शेखर सुमन ने उस समय को याद किया है जब अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। कैटरीना ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कैजाद गुस्ताद की ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर ‘बूम’ से कदम रखा था, जिसमें उनके साथ अमिताभ बच्चन और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकार नजर आए थे। शेखर सुमन ने इस दौरान कैटरीना को लेकर ऐसी बात कह दी, जो आज तक शायद ही किसी ने कही होगी। शेखर सुमन ने कहा कि ‘कैटरीना अपने करियर के शुरुआती दिनों में अपनी लाइनें भी ठीक से नहीं बोल पाती थीं, लेकिन अब एक सुपरस्टार हैं।’

कैटरीना को लेकर शेखर सुमन क्या बोले

शेखर सुमन का कहना है कि वह अपने बेटे अध्ययन सुमन को अक्सर कैटरीना से प्रेरणा लेने को कहते हैं, क्योंकि उन्होंने इंडस्ट्री में बहुत लंबा सफर तय किया है। शेखर ने अपने इंटरव्यू में कहा- ‘मैं हमेशा इसे कहता हूं कि दूसरों की जर्नी से सीखो। कैटरीना कैफ को ही देख लो, जब उसने बूम की थी, वह ढंग से खड़ी भी नहीं हो पा रही थीं, ना ही ठीक से अपनी लाइन बोल पात थीं और ना ही उन्हें डांस आता था। लेकिन, अब देखो वह कहां से कहां पहुंच गई हैं। ‘राजनीति’ और ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में उनकी परफॉर्मेंस देखिए। ‘धूम 3’ में उन्हें देखकर आप कह ही नहीं पाएंगे कि ये वही लड़की थी, जो शुरू में कैसी थी। दीपिका पादुकोण ने भी खुद को बहुत ही खूबसूरती के साथ ग्रो किया  है। अनन्या पांडे को बहुत ट्रोल किया गया, लेकिन उनकी फिल्म ‘खो गए हम कहां’ देखिए।’

जब छोटे होते गए शेखर सुमन की फिल्मों के पोस्टर

शेखर सुमन ने आगे कहा- ‘मैंने अपने करियर की शुरुआत हीरो के तौर पर की थी। धीरे-धीरे पोस्टर के साइज छोटे होते गए। मुझे ही पता है ये कितना हर्ट करता था। अब लड़ाई है उन्हें और बड़ा बनाने की। बस यही पूरी जर्नी है।’ बता दें, अध्ययन सुमन ने 2008 में ‘हाल-ए-दिल’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था। उनकी दूसरी फिल्म ‘राजः द मिस्ट्री कन्टीन्यूज’ थी, जो व्यवसायिक रूप से हिट रही। इस फिल्म में वह कंगना रनौत के साथ नजर आए थे। लेकिन, अध्ययन सुमन को अपने 16 साल लंबे करियर में सबसे बड़ी सफलता भंसाली की ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ से मिली और अब वह अपने करियर के अगले चरण के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अध्ययन अब जल्द ही निर्देशन के क्षेत्र में भी डेब्यू करने वाले हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *