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इस लेख में किन्नरों यानी कि ट्रांसजेंडर के जन्म से जुड़े सवालों और पुराणों, शास्त्रों में उनके बारे में बताए गए तथ्यों पर चर्चा की गई है. इसके साथ ही आज हम आपको बताएंगे कि किन्नरों का जन्म कैसे होता है और इसके पीछे कौन-कौन सी धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.
एक श्राप की वजह से अर्जुन भी बन गए थे हिजड़ा
पुराणों और शास्त्रों में किन्नरों का उल्लेख मिलता है. महाभारत में भी उर्वशी के श्राप के कारण अर्जुन एक समय के लिए हिजड़ा बन गए थे. इसी प्रकार, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गर्भधारण के समय यदि बच्चे की कुंडली में कुछ ग्रहों की स्थिति विशेष होती है तो भ्रूण नपुंसक हो सकता है और किन्नर के रूप में जन्म ले सकता है. शास्त्रों के अनुसार, जब महिला के अंडे में वीर्य और रक्त की मात्रा बराबर हो जाती है, तब किन्नर का जन्म होता है. इसके अलावा, पिछले जन्म के कर्मों का फल भी किन्नर बनने का एक कारण माना गया है.
आज के विज्ञान युग में अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकों से पहले ही गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग पता चल जाता है, जिससे गर्भवस्था के दौरान किसी भी संभावित समस्या से बचा जा सकता है. इसलिए सुझाव दिया जाता है कि गर्भवती महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान सभी जांचे करवानी चाहिए. इसे भी जरूर पढ़ें –