कोलकाता रेप कांड में बड़ा एक्शन लिया गया है। ममता बनर्जी सरकार ने कोलकाता के सीपी विनीत गोयल और डिप्टी कमिश्नर (नॉर्थ) समेत चार सीनियर पुलिस अफसरों को हटा दिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के दो अफसरों को भी हटा दिया गया है। दरअसल, सीएम के इस फैसले का प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने अभी तक धरना वापस नहीं लिया है। सवाल ये उठता है कि क्या इस मामले में सीधे-सीधे पुलिस कमिश्नर की गलती थी या फिर जूनियर अधिकारियों की? आपको बता दें कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन SHO अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया था।
क्या कहना है जूनियर डॉक्टर्स का?
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक वादे पूरे नहीं किए जाते, हम यहां स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय पर हड़ताल और प्रदर्शन जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब भी उनकी कई महत्वपूर्ण मांगें नहीं मानी गईं हैं।
स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग पर अटके डॉक्टर्स
हड़ताली डॉक्टरों ने कहा – हमने स्वास्थ्य सचिव को भी हटाने की मांग की है। जूनियर डॉक्टर्स का कहना था कि हम आरजी कर के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं। यह सच है कि राज्य सरकार ने हमारी अधिकांश मांगें मान ली हैं।
क्या कहा सीएम ने?
सीएम ममता ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक (DME) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (DHS) के अलावा डिप्टी कमिश्नर (उत्तरी डिवीजन) को भी हटाने का ऐलान किया है। सीएम ने कहा – हम सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद मंगलवार शाम 4 बजे के बाद नए पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा करेंगे। समझौते पत्र पर मुख्य सचिव मनोज पंत ने हस्ताक्षर किए। आरजी कर अस्पताल की तरफ से वार्ता में हिस्सा लेने वाले 42 डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल ने भी हस्ताक्षर किए।
कब से प्रदर्शन कर रहे हैं डॉक्टर्स?
कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर डॉक्टर आठ दिन से धरना दे रहे हैं, जबकि 38 दिन से हड़ताल पर हैं और कामकाज बंद हैं।
इससे पहले सीबीआई ने इस केस में संदीप घोष और अभिजीत मंडल को भी अरेस्ट किया गया था। सीबीआई का आरोप था कि संदीप घोष ने किन्हीं वजहों से गलत जानकारियां दी और जानबूझकर कर जांच को गुमराह किया। CBI की जांच में ये बात सामने आई थी कि आरोपी संदीप घोष इस मामले में FIR दर्ज नहीं करवाना चाहते थे। ये भी पता चला है कि सुबह 9.58 बजे सूचना मिलने के बाद भी वह कॉलेज नहीं पहुंचे। कॉलेज के वाइस प्रिसिंपल ने पुलिस के सामने खुदकुशी की बात कही। सीबीआई का कहना था कि आरोपी ने जानबूझ कर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया और जानबूझकर गलत तथ्य दर्ज किए।