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कोलकाता की ऐसी बदनाम गली, जहाँ बहू मंज़िला इमारतों में होता है ये काम

कोलकाता की ऐसी बदनाम गली, जहाँ बहू मंज़िला इमारतों में होता है ये काम

Sonagachi Kolkata : वैसे तो कोलकाता में बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है पर आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस वजह से पूरी दुनिया में बदनाम है, आइये जानते हैं क्या है इसके पीछे की कहानी

एशिया (Asia) का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया (Red Light Area) कोलकाता (Red light Area in Kolkata) में है. जिसे दुनिया सोनागाछी (Sonagachi) के नाम से जानती है.कोलकाता (Kolkata) हुगली नदी के तट पर बसी है. कोलकाता की कई चीजें फेमस है. जैसे कोलकाता का रसगुल्ला और मछली यह चिज कोलकाता में बहुत फेमस है. लेकिन इसके अलावा भी एक जगह है जो बहुत फेमस है. जिसका नाम लोग आहिस्ता से लेते हैं. इस जगह का नाम है सोनागाछी. लोग इस जगह का नाम जोर से इसलिए नहीं लेते हैं. क्योंकि यह रेड लाइट एरिया है.

कोलकाता शहर का सोने का पेड़ सोनागाछी को कहा जाता है. बता दें कि सोनागाछी को मतलब होता है सोने का पेड़. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इसक नाम सोनागाछी कैसे पड़ा. सोना का कोई पेड़ नहीं होता है. सोना एक निर्जीव धातु है. फिर इसका नाम सोनागाछी कैसे पड़ा है. दरअसल, कहा जाता है कि कोलकाता के रेड लाइट एरिया का नाम एक मुस्लिम वली संत के नाम पर पड़ा है.

कोलकाता का सोनागाछी का क्या है इतिहास?

एक अनुमान के मुताबिक सोनागाछी में करीब 7 हजार वेश्याएं कई सौ बहु मंजिल इमारतों में देह का धंधा करती हैं. यह इलाका उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार के पास है. शोभा बाजार के पास स्थित चित्तरंजन एवेन्यू में है. बता दें कि इस धंधे से जुड़ी महिलाओं को लाइसेंस दिया जाता है. एक इतिहासकार पीटी नायर की किताब है उसका नाम है A history of Calcutta’s streets. इस किताब के मुताबिक सोनागाछी में एक डकैत अपनी मां के साथ रहता था. उस डकैत का नाम था सनाउल्लाह. एक दिन की बात है डकैत की मौत हो जाती है. किताब के मुताबिक एक दिन डकैत की मां रो रही थी. उस दिन डकैत की मां को एक आवाज सुनाई दी.

कैसे पड़ा सोनागाछी नाम

आवाज डकैत के झोपड़ी से आ रही थी कि मां तुम मत रो, मै एक गाजी बन गया हूं. किताब के मुताबिक डकैत की मां ने सनाउल्लाह की मां ने अपने बेटे की याद में यहां एक सुंदर मस्जिद बनवा दी. इस मस्जिद का नाम पड़ा सोना मस्जिद. कुछ दिन बाद सनाउल्लाह की मां की भी मौत हो गई. उसके मां के मौत के बाद इस मस्जिद का देख भाल करने वाला कोई नहीं था. एक दिन यह मस्जिद पूरी तरह से टूट गया. किताब के मुताबिक इस मस्जिद की वजह से इसका नाम मस्जिद बाड़ी पड़ा. फिर इस इलाके का नाम सनाउल्लाह गाजी हुआ, सनाउल्लाह गाजी से बदलकर इसका नाम साना गाजी हुआ फिर बदलते बदलते सानागाछी हो गया. बता दें कि, सोनागाछी का कोई प्रारंभिक इतिहास नहीं मिलता है. यह एक कहानी भी हो सकता है. बता दें कि इस एरिया के बारे में सही जानकारी नहीं है कि कैसे इसका नाम सोनागाछी एक रेड लाइट एरिया में बदल गया.

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