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कौन है दिल्ली की नई सीएम आतिशी ? पुलिसवालों की नाक में पिला देती है पानी, कहलाती है केजरीवाल की राइट हैंड…

कौन है दिल्ली की नई सीएम आतिशी ? पुलिसवालों की नाक में पिला देती है पानी, कहलाती है केजरीवाल की राइट हैंड…
कौन है दिल्ली की नई सीएम आतिशी ? पुलिसवालों की नाक में पिला देती है पानी, कहलाती है केजरीवाल की राइट हैंड…

Atishi Marlena : दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम घोषित हो गया है. आम आदमी पार्टी सरकार में अहम भूमिका निभाने वाली आतिशी (Atishi Marlena) को अगला मुख्यमंत्री बनाया गया है. अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर आप के सभी नेताओं ने मुहर लगाई. इसके साथ ही आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. उससे पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर रहीं. आइए आज हम आपको आतिशी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

जानिए दिल्ली की नई सीएम आतिशी के बारे में

Atishi Marlena

आतिशी (Atishi Marlena) अरविंद सरकार में सबसे मशहूर मिनिस्टर रही हैं. आतिशी को अरविंद केजरीवाल का करीबी सहयोगी और अभिन्न अंग माना जाता है. आतिशी (Atishi Marlena) अन्ना आंदोलन के समय से ही संगठन में सक्रिय हैं. आज के समय आतिशी के पास सबसे अधिक मंत्रालय हैं. मंगलवार को अरविंद के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा गया जिसमें सभी नाम सामने रखे गए. जिसका सभी ने समर्थन किया. रेस में उनका नाम सबसे आगे भी चल रहा था.

पंजाब से ताल्लुक रखने वाली आतिशी ऑक्सफ़ोर्ड से पढ़ी

Atishi Marlena

बता दें आतिशी (Atishi Marlena) पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली में हुई. और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने स्नातक हैं. आतिशी साल 2013 में आम आदमी पार्टी से जुड़ीं और पार्टी के लिए नीति निर्माण में शामिल हुईं. उन्होंने दिल्ली शिक्षा सुधारों का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साल 2015 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने उन्हें नवीकरण और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाह पर उनका सहयोगी नियुक्त किया था. हालाँकि, 2018 में उन्हें हटा दिया गया.

आंदोलन के समय से ही अरविंद की करीबी रही आतिशी

Atishi Marlena

केंद्र द्वारा आठ अन्य पार्टियों के साथ आतिशी की अपील को रद्द करने को लेकर आप और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच तनातनी हो गई. आतिशी (Atishi Marlena) को 2019 के लोकसभा चुनाव में आप पार्टी ने पूर्वी दिल्ली की सीटों से मैदान में उतारा था. कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली और क्रिकेटर से नेता बने गौतम गंभीर के खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा. उस समय भी आतिशी को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन वे गौतम गंभीर से चुनाव हार गईं. उनके बाद आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने उन्हें दिल्ली के कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से अपना उम्मीदवार बनाया.

2013 में पार्टी ज्वाइन कर आतिशी बनी आप कार्यकर्ता

Atishi Marlena

साल 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में कालकाजी से वापसी की. यहां उन्होंने बीजेपी नेताओं को 11 हजार से ज्यादा वोटों के साथ हराया और विधानसभा में अपनी सीट पक्की की थी. वर्तमान में वह कालकाजी से विधायक हैं और दिल्ली सरकार के कैबिनेट में सबसे प्रभावशाली मंत्री हैं. पार्टी में आतिशी (Atishi Marlena) के बढ़ते सिद्धांत के आंकड़े के बारे में यही अनुमान लगाया जा सकता है कि 2020 के चुनाव के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था.

लोकसभा हारने के बाद विस चुनाव में लहराया परचम

Atishi Marlena

अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से उन्हें अपना सबसे पसंदीदा सिपहसालार की जगह दी गई है. इतना ही नहीं पार्टी में शामिल होने से पहले आतिशी (Atishi Marlena) ने कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास और अंग्रेजी पढ़ाई थी. दिल्ली के राजनीति में अहम किरदार का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत स्कूल प्रबंधन के तहत उद्यमियों का गठन करने, निजी स्कूलों को बढ़ावा देने से रोकने के लिए स्कूलों को मजबूत करने और ‘हैप्पीनेस’ पाठ्यक्रम को महत्वपूर्ण रूप से शुरू करने की घोषणा की.

अरविंद कि गैरहाजिरी में दिल्ली की बागडोर अपने हाथ ली

Atishi Marlena

इसके बाद उन्हें इकाई का प्रभारी भी बनाया गया, जिसके बाद से पार्टी में उनका योगदान लगातार बढ़ता जा रहा है. कुछ समय में ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से प्रतिष्ठित सिपासालार की जगह भी देखी. वहीं उनके जेल जाने पर भी उन्होंने पार्टी का नेतृत्त्व किया. अरविंद की जगह पर आतिशी (Atishi Marlena) ने ही दिल्ली को संभाला था और कई अहम फैसले लेने में सहायक भूमिका निभाई थी.

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