राहुल गांधी ने कहा कि बदलापुर में दो मासूमों के साथ हुए अपराध के बाद उनको इंसाफ दिलाने के लिए पहला कदम तब तक नहीं उठाया गया जब तक जनता ‘न्याय की गुहार’ करते हुए सड़क पर नहीं आ गई। क्या अब एफआईआर तक दर्ज कराने के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे?
हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाओं पर अत्याचार की कई घटनाएं सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक बेटियां दरिंदगी की शिकार हुईं। कोलकाता की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस घटना के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र से भी दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में चार साल की दो बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत का मामला आया है। राहुल गांधी ने देश में हो रहे इस तरह की घटनाओं को लेकर सवाल उठाया है। .
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, ‘न्याय दिलाने से अधिक प्रयास अपराध छिपाने के लिए किया जाता है, जिसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं और कमज़ोर वर्ग के लोग होते हैं। एफआईआर दर्ज नहीं होना न सिर्फ पीड़ितों को हतोत्साहित करता है बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ाता है। सभी सरकारों, नागरिकों और राजनीतिक दलों को गंभीर मंथन करना होगा कि समाज में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। न्याय हर नागरिक का अधिकार है, उसे पुलिस और प्रशासन की ‘मर्जी का मोहताज’ नहीं बनाया जा सकता।’. इसे भी जरूर पढ़ें –