वैश्विक तेल उपभोग में चीन और भारत जैसे बड़े देशों की भूमिका अहम है. ये देश न केवल बड़ी मात्रा में तेल इंपोर्ट करते हैं बल्कि उनकी आंतरिक खपत भी काफी ज्यादा है.
Petrol Price in China: वैश्विक तेल उपभोग में चीन और भारत जैसे बड़े देशों की भूमिका अहम है. ये देश न केवल बड़ी मात्रा में तेल इंपोर्ट करते हैं बल्कि उनकी आंतरिक खपत भी काफी ज्यादा है. इस आर्टिकल में हम चीन और भारत में तेल की कीमतों, उपभोग और आयात के बारे में बताएंगे..
पेट्रोल की कीमतें
चीन और भारत दोनों ही देशों में पेट्रोल की कीमतें बाजार की गतिशीलताओं के अनुसार तय होती हैं. चीन में जहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 8.24 युआन या लगभग 82.96 रुपये होती है वहीं भारत में यह लगभग 90 रुपये प्रति लीटर है. इन कीमतों में अंतर न केवल दोनों देशों की आर्थिक नीतियों को दर्शाता है बल्कि वैश्विक कच्चे तेल के बाजार के प्रभाव को भी उजागर करता है.
चीन का तेल आयात
चीन बड़े पैमाने पर तेल का आयात करता है. 2023 में उसके मुख्य आयात स्रोत रूस, सऊदी अरब और इराक रहे हैं. यह आयात चीन की ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे उसके बढ़ते औद्योगिक और घरेलू उपभोग के अनुरूप बढ़ाया जा रहा है.
भारत में तेल के दाम
भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें प्रतिदिन बदलती हैं और यह परिवर्तन वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा दरों पर निर्भर करता है. भारत में तेल की कीमतों का निर्धारण तेल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) करती हैं जो इन कीमतों को हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट करती हैं.इसे भी जरूर पढ़ें –
वैश्विक असर और नीतिगत चुनौतियां
चीन और भारत दोनों ही वैश्विक तेल की मांग और कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं. इन देशों की नीतियां, जैसे कि तेल पर टैक्स और सब्सिडी न केवल घरेलू बाजारों में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी महत्वपूर्ण बदलाव का कारण बनती हैं. ये नीतिगत फैसले न केवल व्यापारिक बल्कि राजनीतिक संबंधों पर भी असर डाल सकते हैं, जिससे दोनों देशों की वैश्विक रणनीति पर भी असर पड़ता है.