नई दिल्ली : हमारे भारतीय समाज में पीरियड्स को लेकर कई सारे मिथ है. जैसे यह आचार मत टच करो. मंदिर में मत जाओ, पीरियड्स के दौरान किचन में नहीं जाना चाहिए. इन्हीं सब में से एक यह भी है कि पीरियड्स के दौरान ज्यादा नहाना नहीं चाहिए. यह बातें अक्सर हमारे घर के बड़े -बुजुर्ग कहते हैं कि पीरियड्स में क्या करना चाहिए और क्या नहीं? जब आप उनसे पूछेंगे कि पीरियड्स के दौरान नहाना से क्या कनेक्शन हैं? तो इस पर सीधा जवाब मिलता है कि पीरियड्स के दौरान ज्यादा नहाने से शरीर ठंडा पड़ने लगता है. जिसके कारण हैवी ब्लीडिंग होती है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह मुमकिन है.
दरअसल, पीरियड्स के दौरान ज्यादा नहाना या कम यह पर्सन टू पर्सन डिपेंड करता है. लेकिन पीरियड्स के दौरान नहाना जरूर चाहिए. क्योंकि हेल्थ एक्सपर्ट यह जरूर कहते हैं कि पीरियड्स में साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. अगर आप पीरियड्स में ज्यादा नहीं लेकिन हल्के गुनगुने पानी से 2 बार तो जरूर नहाना चाहिए. समय-समय पर पैड या कप चेंज करते रहें.
ये बातें पूरी तरह से मिथ है इसका सच से कोई लेना देना नहीं है. क्योंकि मासिक धर्म के दौरान नहाने या बाल धोने से परहेज करने का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.जिन लोगों को ऐसा लगता है कि ठंडक यूट्रस तक चली जाती है तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है.विशेषज्ञ बताते हैं कि सिर की त्वचा और आपके पूरे शरीर की त्वचा वास्तव में वाटरप्रूफ होती है, तो यूट्रस तक ठंडक पहुंचने का कोई सवाल ही नहीं है. ऐसे मैं आपको अपने पर्सनल हाइजीन से कंप्रोमाइज करने की जरूरत नहीं है.
बाल ना धोने वाली बात पुराने समय से चली आ रही है, पुराने समय में कई तरह की असुविधाएं होती थी जैसे घर में नल या कुआं नहीं हुआ करता था. महिलाओं को नदी या तालाब के किनारे जाकर नहाना पड़ता था, ऐसे में पीरियड्स के दौरान बाहर जाने के लिए महिलाओं को मना किया जाता था, ताकि उन्हें शारीरिक रूप से कोई परेशानी ना हो क्योंकि पहले से ही वो हेवी फ्लो से गुजर रही होती हैं इसलिए पीरियड्स में उन्हें बाल ना धोने और नहाने के लिए मना किया जाता था. इसके अलावा पहले के जमाने के लोग नदी और तालाब के पानी को पीने के लिए भी इस्तेमाल करते थे. पीरियड्स के दौरन निकलने वाले ब्लड में काई बैक्टीरिया होते हैं जो नदी या तालाब के पानी को दुषित कर सकते हैं और दुसरे को नुक्सान पहुंच सकते हैं.
डॉक्टर के मुताबिक आप पीरियड्स में कभी भी बाल धो सकती हैं. इस दौरान नहाने से कोई भी परेशानी नहीं होती है, बल्कि ये और भी अच्छा होता है. आप संक्रमण से बचती हैं आपको बैक्टीरियल समस्याएं होने का खतरा कम रहता है.वास्तव में अगर आप गुनगुने पानी से स्नान करती हैं तो ऐंठन कम होती है और अब बेहतर महसूस कर सकती हैं.