क्या है आतिशी का ’अफजल गुरु से कनेक्शन’? स्वाति मालीवाल ने कर दिया खुलासा

Swati Maliwal On Atishi New CM Of Delhi: दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव हो चुका है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आतिशी (Atishi) को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। इस फैसले से आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल खुश नहीं हैं और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि दिल्ली के लिए आज बहुत बुरा दिन हैं। वहीं, दिल्ली में BJP के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने भी आतिशी के सीएम बनने पर अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला।

जेल से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वो दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उनके इस बयान के बाद दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ गई और सब उस चेहरे का इंतजार कर रहे थे जिसे केजरीवाल मुख्यमंत्री चुनेंगे। मंगलवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक हुई और उसमें ये फैसला लिया गया कि आतिशी को दिल्ली की कमान सौंपी जाएगी।

स्वाति मालीवाल ने उठाया सवाल
स्वाति मालीवाल ने अपने X अकाउंट पर आतिशी की मां का एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए आम आदमी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, ”दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी। उनके माता पिता ने आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी। उनके हिसाब से अफजल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था। वैसे तो आतिशी सिर्फ ‘डमी सीएम’ है, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भगवान दिल्ली की रक्षा करे।”

कपिल मिश्रा ने भी बोला हमला
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी आतंकवादी अफजल गुरु का मुद्दा उठाकर अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ पर करारा प्रहार किया। उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखा, ”आतिशी के परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु की फांसी रुकवाने का प्रयास किया था। नक्सली मानसिकता को बैकडोर से दिल्ली पर थोपने का पाप केजरीवाल कर रहें हैं। आज आम आदमी पार्टी एक ऐसा CM चुन रही हैं जिसका अन्ना आंदोलन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन से कोई नाता कभी नहीं रहा। दिल्ली की जनता एक नक्सली कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

पिछले 2 सालों में बढ़ा आतिशी का कद

मार्च 2023 में आतिशी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्हें सबसे ज्यादा मंत्रालय का जिम्मा मिला। जब दिल्ली शराब घोटाले में फंसने के बाद मनीष सिसोदिया से लेकर अरविंद केजरीवाल को सलाखों के पीछे जाना पड़ा, तब आतिशी ने मोर्चा संभाला। आतिशी ने पार्टी को मजबूती से संभाला। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए भी केजरीवाल ने आतिशी के ही नाम की सिफारिश की थी। इसे भी जरूर देखें –

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