- आयुर्वेद में पानी पीने के कई नियम बताए गए हैं। इन्हीं में से एक नियम है बैठकर पानी पीना। अगर हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो इससे कई तरह की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। इसका हमारे बॉडी के कई पार्ट्स पर भी बुरा असर पड़ता है। इन सारी प्रॉब्लम्स से बचने के लिए बेहतर ऑप्शन यही है कि पानी को बैठकर पिया जाए।आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. गोविंद पारिकबता रहे हैं खड़े होकर पानी पीने के नुकसान।
खड़े होकर पानी पीने के 8 नुक़सान :
- किडनी में खराबी : जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो ऐसे में पानी बिना छने ही किडनी से बाहर निकलने लगता है। इसके कारण किडनी में इन्फेक्शन या किडनी खराब होने का खतरा बढ़ सकता है।
- हार्ट प्रॉब्लम : खड़े होकर पानी पीने से खाने का डाइजेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। ऐसे में ये खाना कोलेस्ट्रॉल में बदलने लगता है जो हार्ट डिजीज की आशंका बढ़ा सकता है।
- गठिया की प्रॉब्लम : खड़े होकर पानी पीने से बॉड़ी में लिक्विड पदार्थ का बैलेंस बिगड़ने लगता है। ऐसे में जोड़ों को पर्याप्त लिक्विड नहीं मिल पाता है जिससे गठिया की प्रॉब्लम हो सकती है।
- अल्सर की प्रॉब्लम : खड़े होकर पानी पीने से एसोफेगस नली के निचले हिस्से पर बुरा असर पड़ने लगता है। ऐसे में अल्सर की प्रॉब्लम का खतरा बढ़ सकता है।
- इनडाइजेशन : खड़े होकर पानी पीने से खाना ठीक तरीके से डाइजेस्ट नहीं हो पाता है। ऐसे में इनडाइजेशन की प्रॉब्लम बढ़ जाती है।
- कब्ज की प्रॉब्लम : खड़े होकर पानी पीने से खाने का डाइजेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। ऐसे में कब्ज की प्रॉब्लम हो सकती है।
- एसिडिटी की प्रॉब्लम : खड़े होकर पानी पीने से बॉडी में जरूरत से ज्यादा एसिड रिफ्लैक्स होने लगता है। ऐसे में एसिडिटी की प्रॉब्लम बढ़ सकती है।
- पेट की प्रॉब्लम : खड़े होकर पानी पीने से खाने का डाइजेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। आपके पेट के सभी अंगों का संतुलन बिगड़ जाता है।