हिमाचल के सोलन जिला से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। महिला की मौत के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। महिला के साथ उसके पेट मंे पल रहा बच्चा भी इस दुनिया में आने से पहले ही स्वर्ग सिधार गया है। मामला कसौली का बताया जा रहा है।
महिला कितने माह की थी गर्भवती
दरअसल सोलन जिला के पुलिस थाना कसौली के तहत एक सात माह की गर्भवती महिला की मौत हो गई है। महिला के साथ उसके पेट में पल रहे सात माह के बच्चे की भी मौत हो गई है। महिला के पेट में अचानक दर्द उठा था, जिसके चलते उसका पति उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा था, जहां पहुंचने से पहले ही गर्भवती महिला की मौत हो चुकी थी।
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गर्भवती महिला की कैसे बिगड़ी तबीयत
मृतक महिला की पहचान 39 वर्षीय दरिया पत्नी सुनील कुमार निवासी अंबिकापुर छत्तीसगढ़ के रूप् में हुई है। मौके पर पहुंची कसौली पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। पुलिस पूछताछ में महिला की पति सुनील कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी दरिया सात माह की गर्भवती थी। रात को पत्नी के पेट में अचानक से तेज दर्द होने लगा था।
इन बिंदूओं से समझे पूरा मसला
- सात माह की गर्भवती महिला की मौत
- रात को बिगड़ी थी तबीयत, पति ने घरेलू दवाई खिलाकर सुला दिया
- सुबह दोबार उठने लगा पेट में दर्द तो पति ले गया अस्पताल
- अस्पताल में पहुंचने से पहले हो चुकी थी महिला की मौत
- पेट में पल रहा बच्चा भी नहीं देख पाया दुनिया
पति ने गर्भवती पत्नी को क्या खिला दिया
सुनील कुमार ने बताया कि पेट दर्द होने पर उसे घरेलू दवाई दी गई, जिससे उसके पेट का दर्द कुछ कम हो गया, और रात भर आराम से सोई रही। इसी बीच अल सुबह उसके पेट में दोबारा तेज दर्द होने लगा। जिस पर वह उसे उपचार के लिए सीएचसी धर्मपुर लेकर पहुंचा। जहां मौजूद चिकित्सकों ने उसकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया।
आईजीएमसी में हुआ पोस्टमार्टम
पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए सोलन अस्पताल भेज दिया है। लेकिन महिला के शव को यहां से आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया है। जहां आज पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने मामले की आगामी जांच शुरू कर दी है। महिला की मौत कैसे हुई, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगा।
बता दें कि हिमाचल में हर साल कई गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है। कई बार तो समय पर अस्पताल ना पहुंच पाने के चलते भी महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
इसके अलावा हिमाचल के आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जो सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं। इन क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को भी लोग पीठ पर लाद कर सड़क तक पहुंचाते हैं। ऐसे में जब महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है तो उनकी कई बार मौत भी हो जाती है।