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गाय के दूध से बना घी या भैंस के दूध से बना, आपकी सेहत के लिए कौन सा है ज्यादा फायदेमंद?

गाय के दूध से बना घी या भैंस के दूध से बना, आपकी सेहत के लिए कौन सा है ज्यादा फायदेमंद?
गाय के दूध से बना घी या भैंस के दूध से बना, आपकी सेहत के लिए कौन सा है ज्यादा फायदेमंद?
Ghee made from cow’s milk or buffalo’s milk, which one is more beneficial for your health?

घी को भारतीय रसोई का अहम हिस्सा माना जाता है और यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. घी हेल्दी फैट्स का एक बेहतरीन सोर्स होता है. इसे बटर को पिघलाकर बनाया जाता है, जिसमें ठोस पदार्थों को तरल भाग से अलग किया जाता है. हालांकि, गाय और भैंस दोनों का घी एक ही प्रक्रिया से तैयार होता है, लेकिन इनके अपने-अपने अनोखे स्वास्थ्य लाभ होते हैं. भैंस का घी सफेद रंग का होता है जबकि गाय का घी पीले रंग का.

भैंस का घी अधिक कैलोरी युक्त होता है, जो वजन बढ़ाने के इच्छुक लोगों के लिए फायदेमंद है. दूसरी ओर, गाय का घी हल्का और आसानी से पचने वाला होता है, जो वजन घटाने में मदद कर सकता है. हड्डियों के सेहत की बात करें तो भैंस का घी अधिक फैट सामग्री के कारण बेहतर होता है, जो हड्डियों को पोषण देने में मददगार होता है. वहीं, दिल की सेहत के लिए गाय का घी ज्यादा सही माना जाता है, क्योंकि इसमें भैंस के घी की तुलना में कम फैट होता है. आपकी सेहत के टारगेट के आधार पर तय होता है कि कौन सा घी आपके लिए बेहतर है. आइए दोनों प्रकार के घी के स्वास्थ्य लाभों को समझें और तुलना करें.

आयुर्वेद का नजरिया
आयुर्वेद में गाय के घी को भैंस के घी की तुलना में ज्यादा औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है. दरअसल, गाय का घी एक सात्विक भोजन माना जाता है, जो सकारात्मकता को बढ़ावा देता है और चेतना के विस्तार में मदद करता है. आयुर्वेद के अनुसार, गाय के दूध में उन पवित्र पशुओं की पॉजिटिव एनर्जी का सार होता है. घी का उपयोग आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों और मसालों के लिए उपयुक्त वाहक के रूप में किया जाता है. घी शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में औषधीय गुणों को पहुंचाने और ऑब्जर्ब करने में मदद करता है. इसलिए, आयुर्वेद में कई बीमारियों के उपचार के लिए हजारों तरह की हर्बल तैयारियों में घी का उपयोग किया जाता है.

भैंस का घी, अपनी मोटी बनावट के कारण, भारी और समृद्ध करी बनाने के लिए उपयुक्त होता है, जबकि गाय का हल्का घी मिठाई और हल्के व्यंजन बनाने के लिए सही रहता है. आयुर्वेद में गाय का घी पाचन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है और नसों के उपचार में इसका उपयोग बालों के झड़ने और सिरदर्द को ठीक करने में किया जाता है.

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