Laddu Gopal Puja Niyam In Periods: सनातन धर्म के लोगों के लिए प्रत्येक देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है। जहां कुछ लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना करते हैं, तो वहीं कुछ लोगों की आस्था बजरंग बली, देवी दुर्गा और माता लक्ष्मी से जुड़ी होती है। इसके अलावा भगवान कृष्ण की पूजा का भी अपना अलग महत्व है। भगवान कृष्ण की पूजा उनके अलग-अलग रूप में की जाती है। कोई उनकी मुरलीधर के रूप में पूजा करता है, तो कोई उन्हें बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के रूप में पूजता है। जिस प्रकार एक छोटे बच्चे का ध्यान रखा जाता है, ठीक उसी तरह वो लड्डू गोपाल की भी देखभाल करते हैं।
परिवार का कोई भी व्यक्ति लड्डू गोपाल की पूजा कर सकता है। लेकिन मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है। आज हम आपको गुरु मां रुक्मणी द्वारा बताए गए पीरियड्स के दौरान लड्डू गोपाल की पूजा करने से जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना महिलाओं के लिए भारी पड़ सकता है।
पीरियड्स में कैसे करें पूजा?
प्रसिद्ध जानी-मानी एस्ट्रोलॉजर गुरु मां रुक्मणी का मानना है कि यदि महिलाओं को पीरियड्स हो रहे हैं, तो ऐसे में उन्हें मंदिर के पास नहीं जाना चाहिए। जितना हो सके, मंदिर से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। पीरियड्स के दौरान लड्डू गोपाल को स्पर्श करने की जगह दूर से उन्हें महसूस करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए घर में मौजूद पूजा घर से थोड़ी दूर आसन बिछाएं। उस पर बैठें और अपनी आंखें बंद करके लड्डू गोपाल का ध्यान लगाएं।
क्या पीरियड्स में रख सकते हैं व्रत?
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किसी खास त्योहार या व्रत के दिन महिलाओं को पीरियड्स आ जाते हैं, तो ऐसे में उन्हें कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसे में वो व्रत रख सकती हैं, लेकिन देवी-देवताओं की मूर्ति को छूने से बचना चाहिए। दूर से ही उनकी आराधना करनी चाहिए। इसके अलावा व्रत की कथा खुद पढ़ने की जगह किसी और से कथा को सुनना चाहिए।