चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस नियमों की अवहेलना करने पर तुरंत चालान काट देती है। पुलिस की यह सख्ती उनके लिए ही सबक बन गई। क्योंकि एक वाहन चालक पुलिस की इस सख्ती के खिलाफ जिला अदालत पहुंच गया और चालान काटने वाले ट्रैफिक पुलिस कर्मी के खिलाफ अर्जी दायर कर दी।
इस अर्जी पर अदालत ने ट्रैफिक पुलिस कर्मी को खरी-खरी सुना दी और इंसानीयत बरतने की सलाह भी दी है।
दरअसल मामला एक प्रेग्नेंट महिला के विदआउट सीट बेल्ट गाड़ी में सफर करने से जुड़ा है। इस साल जून महीने में चंडीगढ़ पुलिस ने सात माह की गर्भवती महिला के गाड़ी में सीट बेल्ट न लगाने पर चालान काट दिया था। जब यह चालान काटा गया तब वह पति बलजीत सिंह के साथ पीजीआई में चेकअप के लिए जा रही थी। पति ने पुलिस को पत्नी की तबीयत खराब बताकर जाने के लिए कहा, लेकिन पुलिस कर्मी ने उनकी एक न सुनी और चालान काट दिया।
इस घटना के बाद बलजीत सिंह ने अदालत की मदद ली और पुलिसकर्मी के खिलाफ केस दर्ज किया। बलजीत सिंह ने पुलिस पर बदसलूकी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया।
बलजीत ने अदालत से कहा कि गर्भवती महिलाओं के प्रति पुलिस की संवेदनशीलता होनी चाहिए थी जो कि बिलकुल नहीं दिखी। इस मामले में कोर्ट ने बलजीत सिंह की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट चेक की जिसमें वह 28 सप्ताह की गर्भवती पाई गई। ऐसे में उनकी पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति को नाजुक पाते हुए चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के चालान को निरस्त करने का आदेश दिया। साथ ही पुलिस को सलाह दी कि वे संवेदनशील मामलों में इंसानियत और समझदारी से काम लें। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखना पुलिस की जिम्मेदारी है।