Ghantewala: दिल्ली के चांदनी चौक में पुरानी मिठाई की दुकान घंटेवाला (Ghantewala) करीब दस साल बाद फिर से खुल गई है. यह दुकान कभी सोन हलवा, कराची हलवा, आलू लच्छा, दालमोठ और पिस्ता लौज जैसे पकवान के लिए मशहूर थी. शुक्रवार को परिवार के सदस्यों के एक छोटे से समारोह के बाद इसे फिर से खोल दिया गया. एक ही जगह पर पूरी तरह से नए डिजाइन किए गए छोले-भटूरे और दिल्ली की मशहूर ‘चाट’ भी उपलब्ध होगी. साथ ही, हमेशा की तरह ब्रांड अपने सभी उद्यमियों के लिए देसी घी का उपयोग जारी रखेंगे. ग्लासेन-मुक्त व्यंजन और स्वादिष्ट मेवों से बनी मिठाइयाँ भी पेश करेंगे जिनमें चीनी कम होती है.
दिल्ली की सबसे पुरानी दुकान घंटेवाला फिर से शुरू
यह दूकान कोई साधारण दूकान नहीं है. इसकी स्थापना साल 1790 में शाहजहानाबाद में हुई थी. जिसे ‘पुरानी दिल्ली’ के नाम से जाना जाता है. लाला सुखराम द्वारा 1790 में स्थापित घंटावाला मुगल सम्राट, भारत के राष्ट्रपति और पहले प्रधानमंत्री नेहरु , इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, मोहम्मद रफी, राजीव गांधी और कई अन्य लोगों की सेवा करने वाले सबसे पुराने हलवाईयों में से एक थे. तब से चली आ रही इस परम्परा को किसी कारणवश 2015 में बंद कर दिया गया था. क्योंकि सप्लाय के लिए लाइसेंसिंग पर रोक लगा दी गई. जिससे उनका प्रतिष्ठान (Ghantewala) चलाना मुश्किल हो गया था.
1790 में शुरू हुई थी Ghantewala मिठाई कि दुकान
इसको चलाने वाले सुशांत के मुताबिक उन्होंने बहुत पहले ही इसको (Ghantewala) फिर से शुरू करने की योजना बनाई थी. हालाँकि कोविड महामारी को देखते हुए उन्होंने इसे केवल व्यवसाय तक ही सीमित रखा. सुशांत ने कहा, ‘लोगों के स्नेह ने हमें एक भौतिक अध्ययन के लिए मजबूर किया है. हमारी पारंपरिक मिठाईयों की मांग बहुत ज्यादा थी. इसलिए हमने अपना ऑनलाइन स्टोर भी शुरू कर दिया है. मुझे लगता है कि यह सही समय है जब स्टोर शुरू हो गया है. मेरा बेटा आर्यन है जिसने इंस्टीट्यूट ऑफ होटल स्थापित किया है. उसने कॉलेज से डिग्री हासिल की है.
नेहरु से लेकर मोहम्मद रफी तक सभी ने चखा यहाँ का स्वाद
ब्रांड (Ghantewala) के 8वीं पीढ़ी के संरक्षक आर्यन जैन ने कहा, ‘बचपन में जब मैं अपने पिता को देखता था तो उन्हें परिवार की इस विरासत को सम्भालते देखता था. उनकी प्रेरणा से मैंने आतिथ्य उद्योग के लिए जुनून विकसित किया और होटल प्रबंधन संस्थान से डिग्री ली.’ घंटावाला हमेशा से ही अपनी विशिष्ट शैलियों के लिए जाना जाता है.
8वीं पीढ़ी के लोग संभाल रहे हैं इस दूकान को
जिसमें (Ghantewala) प्रसिद्ध व्यंजन शामिल है जिसमें हलवा, कराची हलवा, आलू लच्छा, मियां पाक, दालमोठ, पिस्ता लौज, अन्य और सादा काजू, समान रूप से और सादा, रॉयल मिक्चर जैसे कई व्यंजन शामिल हैं. प्रतिष्ठान ने कहा है कि वह उत्पादों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए उनकी पड़ताल करती है और उनमें देसी घी का उपयोग करती है. इसे भी जरूर पढ़ें –