भारत के पहाड़ी इलाके न सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वहां की कई तरह की सब्जियां भी बहुत फायदेमंद होती हैं। ये सब्जियां स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषण से भी भरपूर होती हैं, जिनमें प्रोटीन भी शामिल है।प्रोटीन क्या है और शरीर के लिए क्यों जरूरी है? प्रोटीन हमारे शरीर के लिए ईंटों की तरह काम करता है। प्रोटीन मिलकर आपकी मांसपेशियां, हड्डियां, त्वचा और बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है। प्रोटीन विभिन्न प्रकार के अमीनो एसिड से मिलकर बना होता है।
प्रोटीन के मुख्य स्रोत क्या हैं? न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, अंडा, मांस, मछली, दालें, सोयाबीन, दूध और दूध से बने उत्पाद, नट्स और सीड्स प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहाड़ी इलाकों में मिलने वाली कुछ सब्जियां भी प्रोटीन का बढ़िया स्रोत हैं।
प्रोटीन क्यों खाना चाहिए?
प्रोटीन शरीर के विकास के लिए जरूरी है, यह शरीर को ताकत देता है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, थकान, सुस्ती, इम्यूनिटी कमजोर होना, बालों का झड़ना आदि समस्याएं हो सकती हैं। अपने हाने में नीचे बताई पहाड़ी सब्जियों को शामिल करके प्रोटीन की कमी दूर कर सकते हैं।
प्रोटीन की मात्रा को करें चेक, वरना हो सकती है परेशानी
मोठ बीन (Moth Beans)
मोठ बीन एक तरह की दाल की किस्म है, जो पहाड़ी इलाकों में बहुत उगाई जाती है। यह प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है, 100 ग्राम मटकी में करीब 24 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही, मोठ बीन में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शाकाहारी लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है।
लिंगुड़ा की सब्जी (Fiddlehead Ferns)
लिंगुड़ा की सब्जी पहाड़ों में खूब खाई जाती है और यह सिर्फ पहाड़ों में ही मिलती है, जिन्हें वसंत ऋतु में तोड़ा जाता है। इसका स्वाद तो खास होता ही है, साथ ही इनमें प्रोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। फागी में फाइबर भी अच्छा होता है और इन्हें कई तरह से पकाकर खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
बैंबू शूट्स (Bamboo Shoots)
बैंबू शूट्स का इस्तेमाल अक्सर पहाड़ी खाने में किया जाता है। ये कम कैलोरी वाले होते हैं लेकिन इनमें प्रोटीन, फाइबर और कई ज़रूरी मिनरल्स जैसे पोटैशियम, मैंगनीज और कॉपर पाए जाते हैं। बांस के छोटे टुकड़ों को करी, सब्जी या सूप में डालकर प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
बिच्छू घास (Stinging Nettle)
पहाड़ों में उगने वाली बिच्छू घास एक जंगली हरी पत्तेदार सब्जी है। हालांकि, इसके नाम के अनुरूप यह छूने में जलती है, फिर भी बिच्छू घास बहुत पौष्टिक होती है। इसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन (खासकर विटामिन A और C) और मिनरल्स (आयरन और कैल्शियम) पाए जाते हैं। बिच्छू घास को पालक की तरह पकाया जा सकता है और कई तरह के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
गोंगुरा की सब्जी (Gongura)
सोरेल भाजी एक हरी पत्तेदार सब्जी है, जिसका इस्तेमाल अक्सर पहाड़ी खाने में किया जाता है। यह प्रोटीन, आयरन और विटामिनों, खासकर विटामिन C से भरपूर होती है। सोरेल भाजी का स्वाद खट्टा होता है और इसे अक्सर स्वादिष्ट चटनी और करी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।