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जब टीटी ने बाबा को ट्रेन से उतारा, तो एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी रेलगाड़ी, फिर यात्रियों ने बाबा से की प्रार्थना, जानिए फिर क्या हुआ?

जब टीटी ने बाबा को ट्रेन से उतारा, तो एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी रेलगाड़ी, फिर यात्रियों ने बाबा से की प्रार्थना, जानिए फिर क्या हुआ?

जिस बाबा के आश्रम में आए फेसबुक और एप्पल कंपनी के मालिक, उनका नाम है नीम करौली बाबा। नीम करौली बाबा बहुत चमत्कारी थे, कहते है कि उन्हें हनुमान जी की सिद्धि भी प्राप्त थी। उन्हें 17 साल की उम्र में ज्ञान की अनुभूति हुई थी। विदेश से आने वाले लोग भी बाबा के शिष्य बन जाते थे और वे अपना नाम रामदास, लक्ष्मणदास, कृष्णदास, इस तरह से बदल लेते थे।

जब टीटी ने बाबा को ट्रेन से उतारा, तो एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी रेलगाड़ी, फिर यात्रियों ने बाबा से की प्रार्थना, जानिए फिर क्या हुआ?

ऐसे ही एक हारवर्ड के प्रोफेसर बाबाजी के भक्त थे जिन्होंने अपना नाम रामदास रख लिया और पूरी जिंदगी इसी नाम से जाने गए। उन्होंने अपनी एक किताब में बाबा के चमत्कारों के बारे में और बाबा के साथ बिताए उन दिनों का सच्चा अनुभव लिखा है।

टीटी ने उतारा तो आगे नहीं बढ़ी ट्रेन

नीम करौली बाबा एक ऐसे सिद्ध संत थे जिन्होंने अपने भक्तों को कई साक्षात चमत्कार दिखाए, एक बार तो उनके बिना ट्रेन भी आगे नही बढ़ी। आज हम आपको बाबा के ऐसे ही एक चमत्कार की कहानी सुनाने वाले है।

हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करौली बाबा जिनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। को चलती ट्रेन से उतार दिया गया था। एक बार की बात है, नीम करौली बाबा ट्रेन में सफर कर रहे थे और उनके पास टिकट भी नहीं था। ऐसे में जब टीटी आया और उसने बाबा से टिकट मांगा तो उनके पास टिकट ही नहीं था।

तब टीटी ने बाबा को उत्तर प्रदेश के नीम करौली स्टेशन पर उतार दिया। बाबा को ट्रेन से उतार देने के बाद ट्रेन फिर से शुरू ही नही हो रही थी। ट्रेन को चलाने वाला लगातार कोशिश करता जा रहा था लेकिन ट्रेन उस जगह से हिली तक नही।

अब ऐसे में किसी ने टीटी को सुझाव दिया कि उस साधु को ट्रेन में चढ़ने दे। उसके बाद बाबा दो शर्तो पर ट्रेन में चढ़ने के लिए तैयार हुए। पहला कि रेलवे कंपनी को नीम करौली गांव में स्टेशन बनाने का वादा करना होगा क्योंकि गांव के लोगों को कई मिल दूर तक चलकर स्टेशन तक जाना पड़ता है।

औऱ दूसरा कि रेलवे अधिकारियों को अबसे सभी साधुओं के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई और फिर क्या था। बस बाबा के ट्रेन में चढ़ते ही ट्रेन फिर से चलने लगी।

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the authorhimachalikhabar

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