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जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब और कितनी बार करना चाहिए

जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब और कितनी बार करना चाहिए

जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब और कितनी बार करना चाहिए

महामृत्युंजय मंत्र: महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है। अगर आप जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं और रोग मुक्त रहना चाहते हैं तो आपको भगवान शिव के सबसे प्रिय मंत्र महामृत्युंजय का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

माना जाता है कि यह मोक्ष मंत्र है और इसका उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक मिलता है। इसके अलावा शिव पुराण में भी इसका विशेष महत्व दर्शाया गया है। ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब और कितनी बार करना लाभकारी हो सकता है। आइए ज्योतिषी पंडित अरविंद त्रिपाठी से इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है, हालांकि इसके लिए कुछ निश्चित समय निर्धारित हैं, जिसमें इसे करने से लाभ मिल सकता है। साथ ही शुभ फल भी प्राप्त हो सकते हैं।
  • कार्यसिद्धि के लिए आप ब्रह्य मुहूर्त और संध्या समय में महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार किया जा सकता है। यहां बता दें कि 108 को पवित्र अंक माना जाता है और कहा जाता है कि इस अंक में मंत्र जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • अगर आपके पास समय की कमी है तो आप मंत्र का 27 बार जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का 27 बार जाप करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
    इस मंत्र का 11 बार जाप करने से सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।

महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम कहां हैं?

  • मंत्र जाप से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ-सुथरा और पवित्र रखें। मंत्र जाप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
  • मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष या मोती की माला का प्रयोग करें।
  • गायत्री मुद्रा में बैठकर जप करना सर्वोत्तम माना जाता है।
  • आप अपनी सुविधा के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप 27, 54 या 11 बार भी कर सकते हैं।
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