Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को भारत के महान राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री के तौर पर हम सभी जानते हैं। उनकी नीतियों का संग्रह ‘चाणक्य नीति’ के नाम से लोगों के बीच में काफी प्रसिद्ध है जिसका अनुसरण न सिर्फ देश बल्कि विदेशो में भी लोग करते हैं। आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों का पालन करके आप अपने जीवन की कई मुश्किलों से बच सकते हैं और इन नीतियों की मदद से सही और गलत में भेद कर पाना भी आसान हो जाता है।
आचार्य ने चाणक्य नीति में घर के मुखिया के गुणों के विषय में भी लिखा है। उन्होंने बताया है कि एक घर के मुखिया को कैसा होना चाहिए। आज के आलेख में हम आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए घर के मुखिया में होने वाले मूलभूत 4 गुणों का उल्लेख करते हुए जानकारी देंगे।
1. फिजूल खर्च पर रोक
आचार्य चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया को सामाजिक तौर से तो तेज तर्रार होना चाहिए लेकिन साथ ही साथ उसे पैसों का खर्च परिवार की जरूरत को ध्यान में रखकर करना चाहिए। साथ ही सीमित खर्च करना चाहिए। परिवार के सदस्यों की फिजूलखर्ची पर भी उसे रोक लगानी चाहिए। ऐसा करने से परिवार में आर्थिक संतुलन कायम रहेगा।
2. अनुशासन
घर के मुखिया द्वारा पूरे घर पर अनुशासन बनाकर रखना अत्यंत आवश्यक होता है। जो घर अनुशासन के साथ चलता है उसके सफल होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इससे घर के लोग जीवन के हर चरण में अच्छी तरह तालमेल स्थापित कर पाते हैं।
3. परिवार में किसी से ना करें भेदभाव
परिवार के मुखिया को कभी भी परिवार के सदस्यों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि सबको समान भावना और सामान नियम कानून के साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
4. बेहतर निर्णय क्षमता
आचार्य चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया की निर्णायक क्षमता हमेशा परिवार के शेष लोगों से अच्छी होनी चाहिए क्योंकि घर के मुखिया द्वारा दिए गए फैसले पूरे परिवार के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। साथ ही उसे इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि उसके निर्णय से कभी भी किसी प्रकार का परिवार को नुकसान ना हो।