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जीभ का रंग खोल सकता है सेहत का राज? आज ही चेक करें कलर और देखें कहीं बीमार तो नहीं?

जीभ का रंग खोल सकता है सेहत का राज? आज ही चेक करें कलर और देखें कहीं बीमार तो नहीं?

एक चीज तो आपने भी नोटिस की होगी कि जब भी डॉक्टर के पास जाते हैं तो वे सबसे पहले तो आपकी जीभ ही चेक करते हैं। इसलिए क्योंकि जीभ के रंग से आप अपनी सेहत का अंदाजा काफी हद तक लगा सकते हैं। वहीं, जीभ का रंग अगर बार बार बदल रहा हो तो ये भी बेहद खतरे का संकेत है। जिसे अनदेखा करने कि कोशिश बिल्कुल भी न करें।

क्या होता है जीभ का नेचुरल कलर

वैसे तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की जीभ का नेचुरल कलर हल्का गुलाबी होता है। इसलिए आपकी जीभ यदि हल्की गुलाबी के अलावा किसी और रंग की नजर आ रही है तो तुरंत सतर्क हो जाइए, क्योंकि ये खतरे की घंटी हो सकती है।

जीभ दिख इन रंगों की तो हो जाइए सतर्क
पीला रंग

पीले रंग की जीभ दिखे तो समझिए कि आपका डाइजेस्टिव सिस्टम बिल्कुल भी ठीक नहीं रहता है। वहीं, मुंह में लगातार बैक्टेरिया भी पनपते रहते हैं, क्योंकि यही कारण होते हैं जीभ के पीले रंग के होने का।

लाल रंग

जीभ यदि लाल रंग की है तो समझिए कि शरीर में आयरन के अलावा विटामिन बी की कमी है। इस कलर की जीभ का रंग तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में फ्लू, बुखार और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यदि लाल रंग की जीभ लगातार नजर आ रही हो तो एक बार डॉक्टर को जरूर दिखा लें।

काला रंग

कई बार ऐसा भी होता है की जीभ काली पड़ जाती है। काला रंग कैंसर जैसी भयानक स्थिति को दर्शाता है। इसके अलावा अक्सर या बवासीर जैसी समस्या होने पर भी जीभ का रंग काला हो जाता है।

सफेद रंग

सफेद रंग की जीभ तब होती है जब शरीर में काफी ज्यादा पानी कि कमी हो गई हो। इसके अलावा हड्डियां जब कमजोर हो जाती हैं तो भी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसलिए ऐसे लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

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the authorhimachalikhabar

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