भारतीय संत नीम करोली बाबा को कौन नहीं जानता है। हनुमान जी का अवतार माने जाने वाले नीम करोली बाबा हनुमान जी की कृपा और चमत्कारिक सिद्धियों से युक्त थे। उत्तराखंड के कैंची धाम में स्थित बाबा के आश्रम में भक्तों का तांता लगा रहता है। बाबा ने अपने विचारों के माध्यम से जो संदेश दिया है, उसका अनुपालन कर लोग आज भी लाभान्वित हो रहे हैं।
एक विशेष संदर्भ में बाबा ने बताया था कि वास्तविक रुप से संपन्न कौन है और किस प्रकार अमीर बना जा सकता है। उस दौरान उन्होंने ऐसे लोगों के बारे में भी बताया कि किस तरह के लोग अपने जीवन में कभी धनवान नहीं बन पाते हैं।
किस प्रकार के लोग होते हैं अमीर
बाबा का विचार है कि आय से अधिक खर्च करने वाले लोग बर्बादी की ओर कदम रखने वाले होते हैं। इसके विपरीत जो लोग सोच समझकर बचत करते हुए उचित चीजों पर धन खर्च करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। अतः हमेशा यही प्रयास करना चाहिए कि संचित धन के कोष को विलासिता की चीजों पर खाली न करें।
प्राथमिकता के आधार पर करें व्यय
नीम करोली बाबा के अनुसार जो धन की अहमियत को समझता है वह उसको उसी स्थान पर खर्च करता है जहां उसकी उपयोगिता हो। बाबा कहते हैं कि संपन्न होने की सार्थकता मात्र धन संजय में नहीं बल्कि जरूरतमंद की सहायता करने में है। ऐसे व्यक्ति का परिवार धन धान्य से से परिपूर्ण रहता है।
कहां करें सार्थक रूप से धन का खर्च
बाबा बताते हैं कि यदि हम अपने धन को धर्म-कर्म के कार्यों में खर्च करते रहते हैं तो खर्च किया हुआ घन हमें दोगुना लाभ देता है। बाबा स्पष्ट रूप से कहते हैं कि मात्र अपनी सुविधाओं और सुख के लिए खर्च करने वाला व्यक्ति धनवान् कहलाने योग्य होता ही नहीं है। इसके विपरीत जो लोग अत्यंत सीमित संसाधन होते हुए भी दूसरों की मदद को सदैव तत्पर रहते हैं, ईश्वर उन्हें सभी कष्टों से मुक्त रखता है और सुख संपत्ति प्रदान करता है।