सफलता हर किसी को चाहिए, लेकिन मिलती कुछ ही लोगों को है, वो भी आसानी से नहीं बल्कि कड़ी मेहनत, अच्छी नीयत और उस व्यक्ति के गुणों की वजह से। हम में से हर कोई अपनी अपनी जिंदगी में किसी ना किसी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहता है। विद्यार्थी पढ़ाई में अव्वल आने की सफलता, कामकाजी लोग करियर में सफलता पाना चाहते हैं, तो वहीं गृहिणियां परिवार को बांध कर और खुश रखने में सफलता हासिल करना चाहती हैं।
प्रतियोगगिता से भरी इस दुनिया में आज कल हर किसी के लिये सफल होना काफी मुश्किल हो गया है, लेकिन अगर आप खुद में कुछ गुणों को विकसित कर लें, तो सफलता खुद ब खुद आपके पास चल कर आयेगी, जैसा कि आचार्य चाणक्य ने भी बताया है।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताया है, जो अगर व्यक्ति खुद में विकसित कर लें, तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आचार्य चाणक्य ने तीन पक्षियों का उदाहरण देकर इसे समझाया है। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…..
1. कोयल का गुण अपनाकर पाएं सफलता
कोयल को आपने देखा भी होगा और उसकी मीठी आवाज भी सुनी होगी। बसंत के महीने में ज्यादातर आपको कोयल की मीठी आवाज सुनने को मिल जायेगी। कोयल की बोली इतनी मीठी हती है कि ढेरों शोर और कौतूहल के बीच भी आप उसे सुन लेंगे और उसकी तरफ खिंचे चले जायेंगे। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को भी अपनी वाणि कर्कश नहीं, ब्लकि कोयल की तरह मधुर रखनी चाहिये, जिससे कि लोग उसकी बात सुने और इस तरह वो सफलता की ओर बढ़ पायेगा।
2. बगुला की तरफ करें इंद्रियों पर काबू
बगुला एक ऐसी पक्षी है, जो खुद में काफी सफल है। उसमें क्षमता होती है कि वह अपनी इंद्रियों पवर नियंत्रण बना सकता है। इस तरह वह बड़ी चालाकी से अपना लक्ष्य यानी कि मछली को पकड़ लेता है और अपनी भूख मिटाता है। इसी तरह व्यक्ति को भी अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ होना चाहिये, जिससे की सफलता उसके कदम चूमेगी।
3. मुर्गे का गुण अपना कर बनें सफल
मुर्गा एक ऐसा पक्षी है, जो सुबह सूर्योदय से पहले जागता है। वह सुबह से अपने भोजन की तलाश शुरू करता है और अंत में अपने साथियों के साथ मिल कर खाता है। इसी तरह व्यक्ति को भी समय का उपयोग करना चाहिये।