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जो स्त्री हफ्ते के इस दिन धोती है बाल उसपर मां लक्ष्मी रहती है प्रश्न, घर हमेशा रहता है पैसो से भरा भरा.

आप तो जानते ही होंगे कि हमारे हिंदू धर्म में के अनुसार कई सारी मान्यताएं है। जिनके बारे में समय-समय पर पढने से हमें कुछ ना कुछ मिलता ही रहता है। तो आइए आज हम इन मान्यताओं के बारे में विस्तार से जानते है।

आप को बता दें कि सप्ताह के सात दिनों में गुरुवार का दिन वह दिन होता है, जब कई सारें काम करने की मनाई होती है। या दूसरे शब्दों में कहे तो इसे वर्जित माना जाता है।

आखिर महिलाओं को इस दिन बाल धोना क्यों मना किया गया है?

ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को गुरुवार के दिन बाल धोने से बचना चाहिए।

क्योंकि गुरुवार को लक्ष्मीनारायण का दिन भी कहा जाता है। इस दिन वर्जित कार्य करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों नाराज हो जाते है।

वहीं मंगलवार और शनिवार को भी बाल और नाखून काटने की मनाई की मनाई होती है। वहीं शेव करना भी मना किया गया है। जानिए आखिर इन सब के पीछे क्या वजह है।

आप को बता दें कि भगवान सूर्यदेव को नवग्रह का मुखिया माना जाता है। सूर्यदेव की पूजा के लिए रविवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन में समृद्धि, धन और शत्रुओं का नाश होता है।

सुबह उठकर इस दिन सूर्यदेव की पूजा और सूर्यनमस्कार करना चाहिए। जिससे जीवन में खुशियां आती है। लेकिन क्या आप जानते है कि रविवार के दिन भी कुछ चीजें ऐसी है, जिन्हें खाने से सूर्यदेव नाराज हो जाते है। तो आइए उन चीजों के बारे में जानते है।

आप को बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार सूर्यदेव सात घोडों के रथ पर सवार है। ये सात घोडे इंद्रधनुष के सात रंगो से जूडे है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव का स्वभाव गर्म होता है।

ज्योतिष के अनुसार सूर्य को आत्मा, इच्छा शक्ति, प्रसिद्धि, नेत्र, सामान्य जीवन शक्ति, साहस, संप्रभुता, पिता और परोपकार की विशेषता है।

मसूर की दाल

दाल में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है, जो मीट में मिलने वाली मात्रा से ज्यादा होता है। इसलिए इसे ‘देव भोग’ के रूप में चढ़ाने की मनाही है।

लाल साग

रविवार के दिन लाल साग खाना अशुभ माना जाता है क्योंकि वैष्णववाद में मिश्रित अल्पकालिक बारहमासी पौधे को मृत्यु का प्रतीक माना जाता है।

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